पोजिशन को मुवमेंट में बदलने को जो चाहिए, वह हैं लीडरशिप : देवाशीश चटर्जी

अमृतसर : आईआईएम कोझिकोट के डायरेक्टर व आईआईएम अमृतसर के मेंटोर डायरेक्टर देवाशिश चटर्जी ने कहा कि पोजिशन को मुवमेंट में बदलने के लिए अच्छी लीडरशिपर चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 09:54 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 09:54 PM (IST)
पोजिशन को मुवमेंट में बदलने को जो चाहिए, वह हैं लीडरशिप : देवाशीश चटर्जी
पोजिशन को मुवमेंट में बदलने को जो चाहिए, वह हैं लीडरशिप : देवाशीश चटर्जी

जागरण संवाददाता, अमृतसर

आईआईएम कोझिकोट के डायरेक्टर व आईआईएम अमृतसर के मेंटोर डायरेक्टर देवाशिश चटर्जी ने कहा कि पोजिशन को मुवमेंट में बदलने के लिए अच्छी लीडरशिपर चाहिए। पोजिशन को नहीं बल्कि पोसिबिलिटी (संभावना) को समझते हुए अपनी टीम से बेस्ट करवाना ही लीडरशिप है। वे सोमवार को यहां होटल स्वर्ण ताज में आईआईएम अमृतसर की ओर से लीडरशिप 4.0 के तहत ए रिट्रीट फार हाई पोटैंशनल लीडर्स पर आयोजित सेमिनार के दौरान संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज 4.0 लीडरशिपर का दौर है, जिसमें लीडर और टीम दोनों अपनी स्किल के मुताबिक संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। टीम के सदस्य इसमें काम करना जानते हैं मगर लीडर इसके लिए उन्हें माहौल देता है। लेकिन इसमें नौकर के लिए उसकी स्किल्स के चलते कई कंपनियों में मौके रहते हैं। भारतीय टीम द्वारा जीते गए विश्व क्रिकेट कप का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह कप जीतना संभव नहीं था लेकिन कपिल देव ने टीम सदस्यों के साथ मिलकर संभावनाओं को देखते हुए खेल खेला और असंभव काम को संभव कर दिखाया।

चटर्जी ने कहा पूर्व में लीडरशिप 1.0 के समय नौकर बंधुआ मजदूर के रूप में काम करता था जबकि इसके बाद वाले लीडरशिप 2.0 के दौर में नौकर की स्थिति कुछ बेहतर हुई, लेकिन इसमें भी उसे बहुत ज्यादा सोचने का अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि आज के दौर में एक सफल लीडर के लिए वॉल्यूम, वेराइटी, वेलोसिटी और वेरोसिटी पर होल्ड होना बहुत जरुरी है। लीडरशिप बेहतर होना नहीं बल्कि अपनी टीम में बेस्ट पैदा करना है।

उन्होंने चार विषयों की खोज ऑथेंटिसिटी, कनेक्टिविटी, प्रोडक्टिविटी और पॉसिबिलिटी पर जानकारी दी। कार्यशाला के प्रमुख कदमों में कमजोरियों को कवर करने संबंधी ¨चता किए बिना ताकत के लिए काम करना सीखना शामिल था। टेक्निकल और अडाप्टिव प्रॉब्लम सॉ¨ल्वग में अंतर और कैसे अपने दिन को अधिक से अधिक प्रोडक्टिव बनाएं। उद्देश्य, प्रदर्शन और संभावना के बीच संबंध को डीकोड करना और संगठन की खुशी को समझना और समझना क्यों करुणा, सहानुभूति और भावनात्मक अनुवाद एक महान नेता की पहचान है और कार्यस्थल पर लक्ष्य केंद्रित होने के साथ हाथ में हाथ मिलाया जाता है।

इस कार्यक्रम में पंजाब के विभिन्न उद्योगों के लगभग 100 बिजनेसमैन की भागीदारी थी। स्वास्थ्य, फार्मा, आईटी, टेक्सटाइल और शिक्षा उद्योग

से प्रतिनिधि पहुंचे थे। इसके अलावा, घटनाओं के दौरान छोटे और मध्यम उद्यमों के अन्य प्रतिभागियों, पंजाब पुलिस के प्रशासनिक अधिकारी,

रिसर्च स्कॉलर्स , प्रोफेसर और संस्थानों के प्रमुखों भी इसमें शामिल थे।

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