कोरोना से जंग में फतेह किट्स सबको नसीब नहीं

कोरोना के तेवर अब ढीले पड़ रहे हैं। संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन कम हो रही है और मृत्यु दर में भी गिरावट दर्ज की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 06:30 AM (IST)
कोरोना से जंग में फतेह किट्स सबको नसीब नहीं
कोरोना से जंग में फतेह किट्स सबको नसीब नहीं

नितिन धीमान, अमृतसर : कोरोना के तेवर अब ढीले पड़ रहे हैं। संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन कम हो रही है और मृत्यु दर में भी गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी तरफ इस महामारी से लड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने का दावा करने वाला सरकारी तंत्र भी सवालों के घेरे में हैं। कोरोना संक्रमितों को वायरस से जंग लड़ने के लिए सरकार द्वारा वितरित की जा रही मिशन फतेह किट्स सभी को नसीब नहीं हुई।

दरअसल, जिले में महज 10200 फतेह किट्स ही वितरित की गई हैं, जबकि अब तक कुल 45569 संक्रमित रिपोर्ट हो चुके हैं। इस अनुपात में महज 22 फीसद मरीजों तक ही यह किट पहुंचीं। यह दावा भी कागजी आंकड़ों का पेट भरने वाली है, वास्तविकता कुछ और ही बयां कर रही है। पूर्व में किट्स वितरण का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के पास था। तब यह तय किया गया कि आशा वर्करों को घर-घर भेजकर किट्स बांटी जाएंगी। इसके बाद यह काम नगर निगम प्रशासन के हाथ गया। निगम ने कुछ किट्स बंटवाईं और शांत हो गए। अब दोबारा यह काम स्वास्थ्य विभाग के हाथों में आ गया है, पर किट्स का स्टाक न के बराबर है। यह तो कोई बताने को तैयार नहीं कि कितनी किट्स बची हैं, पर जरूर है कि ये किट्स उन्हीं को दी जा रही हैं जो सिफारिश लगवा रहे हैं। एक से आठ जून तक 745 संक्रमित आए, सिर्फ 10 फीसद को ही किट मिली

कोरोना के खिलाफ जंग तेज करने के लिए पंजाब सरकार ने सितंबर 2020 में फतेह किट लांच की थी। तब अमृतसर में करीब सात हजार किट्स भेजी गई थीं। एक से आठ जून तक जिले में 745 संक्रमित रिपोर्ट हो चुके हैं। इनमें से महज 10 फीसद को ही किट मिली है। वह भी किसी की सिफारिश पर। अफसोसनाक पक्ष है कि पंजाब सरकार लोगों को कोरोना से सुरक्षा संबंधी प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करवा रही है, कोरोना नियमों का पालन न करने व मास्क न पहनने वाले लोगों के चालान काटकर तकरीबन दस लाख रुपये एकत्रित किए जा चुके हैं, पर मरीजों को फतेह किट उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। यह है नियम

आरटीपीसीआर टेस्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज को तत्काल होम आइसोलेट किया जाता है। 24 घंटे में उसके घर तक फतेह किट पहुंचानी जरूरी है। इस किट में पल्स आक्सीमीटर, डिजिटल थर्मामीटर, जरूरी दवाएं और काढ़े के अलावा कोरोना संबंधी शिक्षा सामग्री व दवाओं के प्रयोग के बारे में दिशा-निर्देश शामिल हैं। संक्रमित हर मरीज को यह किट्स उसके घर तक पहुंचाने के लिए पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी तय की है। ये हैं वो मरीज जिनको किट नहीं मिली

केस 1 : बटाला रोड निवासी 25 वर्षीय युवती संक्रमित होने के 17 दिन बाद नेगेटिव रिपोर्ट भी हो गई, पर उसे फतेह किट नहीं मिली। निगम कर्मियों ने एक दो बार फोन करके औपचारिकतावश हालचाल पूछा, पर किट मांगने पर असमर्थता जाहिर कर दी। केस 2 : पुतलीघर निवासी संक्रमित युवक के अनुसार पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मुझे स्वास्थ्य विभाग ने फोन कर होम आइसोलेट होने को कहा। उन्होंने उनसे फतेह किट की मांग की तो बोले जल्दी भेज देंगे। दो तीन बार फोन कर चुका हूं, पर किट नहीं दी गई। केस : गोपाल नगर निवासी बुजुर्ग को फतेह किट तो मिली पर इसमें पल्स आक्सीमीटर गायब था। यानी सामान भी पूरा नहीं था। उन्होंने इसकी शिकायत स्वास्थथ् विभाग से भी की, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। यानी

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