मानांवाला टोल प्लाजा पर चल रहा धरना जारी

मानांवाला टोल प्लाजा पर चल रहा अनशन 20वें दिन में प्रवेश कर गया है। शनिवार पर बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों ने अनशन में हिस्सा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 12:45 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 12:45 AM (IST)
मानांवाला टोल प्लाजा पर चल रहा धरना जारी
मानांवाला टोल प्लाजा पर चल रहा धरना जारी

जागरण संवाददाता, अमृतसर : मानांवाला टोल प्लाजा पर चल रहा अनशन 20वें दिन में प्रवेश कर गया है। शनिवार पर बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों ने अनशन में हिस्सा लिया। अनशन में आने वाले 24 घंटों के लिए मनजीत कौर, गुरमीत कौर, हरप्रीत कौर, हरजिदर कौर, हरभजन कौर झीते कलां और नरविदर कौर निज्जरपुरा ने कड़ाके की सर्दी में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उनकी हिम्मत की परीक्षा ले रही है। जितनी देर तक कानून रद नहीं हो जाते उतनी देर तक संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर प्रधान दविदर सिंह चाटीविड ने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने के लिए लोगों में उत्साह है।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से रेलवे स्टेशन जंडियाला गुरु के बाहर प्रदर्शन किया। इसी तरह किसानों में मॉल आफ अमृतसर, राज्य सभा सदस्य श्वेत मलिक, मजीठा रोड, अजनाला रोड, और टोल प्लाजा कत्थूनंगल पर प्रदर्शन करके सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उधर, तरनतारन में कांग्रेस सेवा दल की खालसापुर रोड में एडवोकेट आदेश अग्निहोत्री के कार्यालय में बैठक हुई। इसमें लीला वर्मा ने वर्करों से कहा कि केंद्र सरकार इन कृषि सुधार कानूनों को तुरंत रद कर धरने पर बैठे किसान जत्थेबंदियों के नेताओं से बातचीत कर कोई हल निकाले, क्योंकि प्रदेश में कानून लागू होने से किसानों की बर्बादी तो होगी, साथ ही अर्थव्यवस्था भी बिगड़ सकती है। इस मौके अशोक अरोड़ा, दीपक कुमार, चंद्र कुमार, गुरमीत कौर, चरनजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, सतीश कुमार, राजेश कुमार मौजूद थे। उधर, तरनतारन में किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से कस्बा गोहलवड़ से शुक्रवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। इसमें दो हजार ट्रैक्टरों समेत किसानों-मजदूरों ने शिरकत करते कृषि कानून वापस लेने की मांग की। हरप्रीत सिंह सिधवां, हरपाल सिंह सिध्वां, हरदीप सिंह जौहल, मनजिंदर सिंह गोहलवड़, बलजीत सिंह रटौल ने संयुक्त रूप से बताया कि यह ट्रैक्टर मार्च कस्बा गोहलवड़ से दोबुर्जी, नूरदी, जौहल, ठट्ठी खारा, मन्नण, अैमां, जगतपुरा, ठट्ठगड़, खैरदीनके, पंडोरी सिध्वां, पंडोरी रण सिंह, पंडोरी रमाणा, पंडोरी तख्त मल्ल, पंडोरी दसंधीमल्ल, बालाचक्क, कोटली, रटौल, बहिला से होता हुआ वापस गोहलवड़ में पहुंचकर संपन्न हुआ।

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