मछली पालन को अपनाएं किसान व युवा, मिलेगी सब्सिडी

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को जिले में लागू करने संबंधी जिला स्तरीय गठित कमेटी की मीटिग डिप्टी कमिश्नर कम डीएलसीपीएम एसएसवाई के चेयरमैन गुरप्रीत सिंह खैहरा की अध्यक्षता में हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 09:00 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:00 PM (IST)
मछली पालन को अपनाएं किसान व युवा, मिलेगी सब्सिडी
मछली पालन को अपनाएं किसान व युवा, मिलेगी सब्सिडी

जागरण संवाददाता, अमृतसर: देशभर में मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को जिले में लागू करने संबंधी जिला स्तरीय गठित कमेटी की मीटिग डिप्टी कमिश्नर कम डीएलसीपीएम एसएसवाई के चेयरमैन गुरप्रीत सिंह खैहरा की अध्यक्षता में हुई। वर्चुअल हुई मीटिग में इस योजना के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि यह स्कीम पांच साल के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संयुक्त तौर पर चलाई जाएगी, जिसमें मछली पालन को उत्साहित करने के लिए स्कीम में नए मछली तालाब की खुदाई, पहले वर्ष की खाद खुराक और मछली को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए मोटरसाइकिल, साइकिल, आटो व जनरल वर्ग को यूनिट कास्ट का 40 प्रतिशत और एससी-एसटी महिलाओं को 60 प्रतिशत सब्सिडी मुहैया करवाई जाएगी।

डिप्टी कमिश्नर ने जिले में 2020-21 के दौरान लागू किए जा रहे एक्शन प्लान पर चर्चा करते हुए बताया कि इस योजना के तहत 10 हेक्टेयर नया रकबा मछली पालन के अधीन लाकर उस पर 44 लाख, चार बायोफ्लाक यूनिट पर 12 लाख, 10 मोटरसाइकिल सहित आइस बाक्स पर 3 लाख, 4 साइकिल सहित आइस बाक्स पर 16 हजार और दो आटो रिक्शा सहित आइस बाक्स पर दो लाख 40 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। एडीसी (डी) रणबीर सिंह मूधल ने अधिक से अधिक किसान, बेरोजगार युवाओं को मछली पालन के धंधे के साथ जुड़कर इस स्कीम का फायदा उठाने की अपील भी की।

मच्छली पालन के सहायक डायरेक्टर राज कुमार ने बताया कि मच्छली पालन विभाग की ओर से मच्छली पालन संबंधी हर महीने पांच दिनों की मुफ्त ट्रेनिग दी जाती है और मच्छली पालन का धंधा सहायक धंधों में एक बहुत ही बढि़या धंधा है, जिसके माध्यम से किसान अपनी आमदनी में दोगुना वृद्धि कर सकते है और बेरोजगार भी इस को रोजगार के रूप में अपना सकते है। इस जिला कमेटी के मेंबरों के अलावा मछली पालक विकास एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महिदर पाल, मच्छली पालन अफसर बलजीत सिंह, प्रसार अधिकारी गुरबीर सिंह, मंगत राम और प्रकाश चंद आदि मौजूद थे.

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