सेहत विभाग ने की तैयारी, ढाबा, रेस्तरा, सिनेमा और जिम के कíमयों के टीकाकरण के लिए लगाएगा कैंप
अमृतसर के ढाबा रेस्टोरेंट्स सिनेमा और जिम संचालकों को स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि विभाग उनके लिए वैक्सीनेशन कैंप लगाएगा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब सरकार द्वारा कोरोना प्रतिबंधों में राहत देने के फैसले से दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। रेस्तरां, ढाबे, सिनेमा घर और जिम जैसे संस्थान 50 फीसद क्षमता से खोलने का फैसला लिया गया है। हालांकि सरकार ने यहां कार्यरत कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाना अनिवार्य किया है। हर कर्मचारी को पहली डोज लगी होनी चाहिए। वहीं अमृतसर के ढाबा, रेस्टोरेंट्स, सिनेमा और जिम संचालकों को स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि विभाग उनके लिए वैक्सीनेशन कैंप लगाएगा। जिस संस्थान में 100 से अधिक कर्मचारी हैं उनका टीकाकरण कैंप में किया जाएगा। उपरोक्त संस्थानों से संबंधित एसोसिएशंस के पदाधिकारी सिविल सर्जन से संपर्क कर सरकारी अस्पतालों में भी वैक्सीन लगवा सकते हैं। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने कहा कि जिले में 22000 कोविशील्ड और छह हजार कोवैक्सीन का स्टाक है। सरकार लगातार वैक्सीन भेज रही है। संस्थान खोलने वाले संचालक अपने कर्मचारियों का वैक्सीनेशन करवाएं।
इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन को गति प्रदान करने के लिए बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक हुई। बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ आफिसर्स शामिल हुए। डा. चरणजीत सिंह ने बताया कि जिले में 147 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर हैं। प्रत्येक को प्रतिदिन 100 वैक्सीन लगाने का लक्ष्य दिया गया है। 26 लाख की जनसंख्या पर आधारित अमृतसर में अब तक 446289 लोगों को टीका लग चुका है।
विदेश जाने वाले लोग कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा लगवाएं वैक्सीन
विदेश जाने के इच्छुक लोगों को टीकाकरण के लिए अब सिविल सर्जन कार्यालय आने की जरूरत नहीं। वे नेशनल कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीन लगवा सकते हैं और अपने क्षेत्र में स्थित सरकारी अस्पताल के एसएमओ से सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। पूर्व में कोवा ऐप के जरिए सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा था, पर अब कोविन ऐप से दिया जाएगा। पूर्व में सिविल सर्जन कार्यालय में जिला टीकाकरण अधिकारी सर्टिफिकेट जारी करते थे। इससे यहां काफी भीड़ लग जाती थी। दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब जिले के सात ब्लाकों के एसएमओ सर्टिफिकेट जारी कर सकेंगे।