हड़ताल पर रहे कर्मचारी, दूसरे दिन भी नहीं चली बीआरटीएस की बसें,
बीआरटीएस की बसों में रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं। इसका महानगर के लोगों को काफी लाभ मिलता है।
जासं, अमृतसर: बीआरटीएस की बसों में रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं। इसका महानगर के लोगों को काफी लाभ मिलता है मगर सोमवार को कर्मियों की ओर से की गई हड़ताल से हजारों यात्रियों को परेशान होना पड़ा। लोगों को लगा कि मंगलवार को ये बसें अपने रूट पर पहले की तरह दौड़ेंगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। लगातार दूसरे दिन मांगें मनवाने के लिए बीआरटीएस के कर्मचारी हड़ताल पर रहे और कोई भी बस नहीं चलाई।
बीआरटीएस की सभी 84 बसों का चक्का पूरी तरह जाम रहा। इस कारण इस बस के सभी रूट पर स्टापेज के दरवाजों को भी बंद रख गया। इन बसों में सफर करने के लिए यात्री बस स्टापेज पर पहुंचे तो वहां के बंद दरवाजे देखकर उनको मायूस होना पड़ा। स्टाफ ने उन्हें बताया कि आज कोई बस नहीं चलेगी, क्योंकि सोमवार से बस कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ऐसे में हजारों लोग बार-बार उनसे बसें न चलने के कारण पूछते हुए लौट रहे। इनमें कई विद्यार्थी भी थे जो इन बसों में स्कूल जाते हैं। ऐसे में उन्होंने बेशक दूसरे साधन जैसे कि आटो और मिनी बस से सफर तो किया परंतु उनमें से कई अपनी मंजिल तक समय पर नहीं पहुंच पाए। हालांकि रिकार्ड के मुताबिक रोजाना 50 से 60 हजार यात्री इन बीआरटीएस की बसों में सफर कर रहे हैं। लिखित में देकर मुकर गई सरकार
बीआरटीएस इंप्लाइज एकता यूनियन के प्रधान दविदर सिंह कलेर ने बताया कि पहले उनके साथ वादा किया था कि हर साल वेतन में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। इसके बाद चन्नी की सरकार बनने पर कहा गया कि पनबस के नियमों के मुताबिक वेतन मिलेगा। इस संबंधी लिखित में भी दिया गया था, मगर अब सरकार लिखित में देकर भी मुकर गई है और नियमों के मुताबिक वेतन नहीं दिया जा रहा है। अभी तक किसी भी अधिकारी ने उनके साथ संपंर्क नहीं किया है। जिस कारण हड़ताल बुधवार को भी जारी रह सकती है। 300 के करीब कर्मचारी काम करते हैं इसमें
बीआरटीएस प्रोजेक्ट में कुल 93 बसें है। इनमें से 84 बसें अलग-अलग रूट पर उतारी जाती है जबकि बाकी की नौ बसें बैकअप के लिए रखी गई हैं। इन बसों में ड्राइवर, हेल्पर, सिक्योरिटी गार्ड सहित 300 के करीब कर्मचारी काम कर रहे हैं। वे वेतन बढ़ाने और इसे जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं।