चार गायनी डाक्टरों सहित डा. नवदीप आयोग के सामने पेश हुए
। गर्भवती महिला की डिलीवरी का वीडियो शूट प्रकरण स्वास्थ्य विभाग के गले की फांस बन चुका है।
जागरण संवाददता, अमृतसर
गर्भवती महिला की डिलीवरी का वीडियो शूट प्रकरण स्वास्थ्य विभाग के गले की फांस बन चुका है। विशेषकर अमृतसर के पूर्व सिविल सर्जन डा. नवदीप सिंह पर आयोग सख्त हैं। बुधवार को आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने चंडीगढ़ में मामले की सुनवाई पुन: शुरू की। इस दौरान सिविल अस्पताल अमृतसर में कार्यरत चार गायनी डाक्टर भी आयोग के सम्मुख प्रस्तुत हुईं। मनीषा गुलाटी ने चारों गायनी डाक्टरों से कोई सवाल जवाब नहीं किया। सिर्फ इतना कहा कि आपको 24 नवंबर को आयोग ने आने को कहा था। आप नहीं आई, इसलिए आज सिर्फ आपकी उपस्थिति दर्ज की जा रही है। मामले की अगली सुनवाई की तारीख आपको बता दी जाएगी। तब आपको हर हाल में पेश होना होगा। सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डा. प्रभदीप कौर जौहल व डा. नवदीप सिंह भी पहुंचे थे।
मनीषा गुलाटी ने डायरेक्टर से कहा कि मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार ने स्टेट जांच कमेटी बनाई है। इस कमेटी की रिपोर्ट जल्द से जल्द जारी की जाए। जांच पारदर्शी ढंग से होने चाहिए। इसमें डाक्टरों के अलावा पीड़ित परिवार के बयान भी दर्ज होने चाहिए। मनीषा गुलाटी ने कहा कि जो सबूत उन्हें मिले हैं उससे तो स्पष्ट है कि डा. नवदीप सिंह ने लेबर रूम में वीडियो बनवाकर गर्भवती महिला की निजता का हनन किया है। बाकी स्टेट कमेटी की रिपोर्ट आने का इंतजार है। मनीषा ने डा. नवदीप को लगाई थी फटकार
इससे पूर्व बीते मंगलवार को डा. नवदीप सिंह आयोग के समक्ष पेश हुए थे। इस दौरान चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी। चूंकि डा. नवदीप सिंह ने कहा था कि उन्हें मालूम नहीं कि वीडियो किसने बनाया और किसने प्रसारित किया। इस पर मनीषा गुलाटी ने वीडियो दिखाते हुए था कि आप कैमरे की तरफ देख रहे हो। यह कैसे मुमकिन है कि आपकी जानकारी के बगैर किसी ने वीडियो बना ली। आज अमृतसर पहुंचेगी स्टेट कमेटी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित स्टेट कमेटी वीरवार सुबह सिविल अस्पताल पहुंचेगी। इस टीम में स्वास्थ्य विभाग के दो डिप्टी डायरेक्टर व सचिवालय का एक अधिकारी शामिल है। कमेटी के सदस्य गायनी विभाग की डाक्टरों सहित एसएमओ से भी मामले का विवरण लेंगे। इस दौरान पीड़ित परिवार को भी बुलाया जा सकता है।