हड़ताल पर डाक्टर और जमीन पर मरीज

छठे पे कमीशन के लागू होने का जहां सरकारी कर्मचारी जश्न मना रहे हैं वहीं डाक्टर वर्ग काफी निराशा में है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:00 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:00 PM (IST)
हड़ताल पर डाक्टर और जमीन पर मरीज
हड़ताल पर डाक्टर और जमीन पर मरीज

जासं, अमृतसर: छठे पे कमीशन के लागू होने का जहां सरकारी कर्मचारी जश्न मना रहे हैं, वहीं डाक्टर वर्ग काफी निराश है। पे कमीशन लागू होने से डाक्टरों का नान प्रैक्टिस अलाउंस पांच प्रतिशत कम हो जाएगा, वहीं डीए व अन्य भत्तों में भी कटौती होगी। इसके विरोध में डाक्टर भड़क गए हैं। मंगलवार को सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर व पटियाला के डाक्टरों ने सुबह आठ से 11 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक की। इस दौरान तीन घंटे तक ओपीडी, ओटी सर्विसेज बंद रखी गई। केवल आपातकालीन स्थिति में लाए गए मरीजों का ही डाक्टरों ने उपचार किया। इसके अतिरिक्त मेडिकल कालेज में भी तीन घंटे तक एमबीबीएस की क्लासें नहीं लगीं।

सर्वाधिक परेशानी का सामना गर्भवती महिलाओं को करना पड़ा। ओपीडी में गायनी डाक्टर नहीं बैठे, बाहर महिलाओं की लाइनें लग गई और वे जमीन पर ही बैठकर डाक्टर का इंतजार करने लगीं। करीब 11 बजे हड़ताल समाप्त कर डाक्टर ओपीडी में पहुंचे, तब जाकर इलाज शुरू हुआ। ऐसी ही स्थित पीडियाट्रिक वार्ड के बाहर बनी। बच्चों को लेकर पहुंचीं महिलाएं जमीन पर बैठकर डाक्टरों की प्रतीक्षा करती दिखाई दीं।

दरअसल, पंजाब स्टेट मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन तथा पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज से संबंधित डाक्टर पे कमीशन की सिफारिशों के खिलाफ हैं। एसोसिएशन की अध्यक्ष डा. मृदु ग्रोवर ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच डाक्टरों ने सेवा और समर्पण की मिसाल कायम की। तकरीबन सभी डाक्टर कोरोना संक्रमित हुए। इस संकट में डटकर खड़े डाक्टरों के साथ पंजाब सरकार ने अन्याय किया है। पे कमीशन में एनपीए को 25 से 20 प्रतिशत कर दिया गया। इसके साथ ही एनपीए को बेसिक पे से डी लिक करने की सिफारिश की गई। इससे डाक्टरों का वेतन कम हो जाएगा। इसके अलावा पेंशन व अन्य भत्तों में भी कटौती हो जाएगी। एसोसिएशन इसका विरोध करती है। मंत्री ओमप्रकाश सोनी के समक्ष उठाएंगे बात

डा. मृदु ग्रोवर ने कहा कि वह मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी से मिलकर इन सिफारिशों को हटवाने की मांग करेंगे। हम तो यह चाहते थे कि कोरोना काल में काम के बदले सरकार हमें कोई आर्थिक लाभ देगी, पर यहां तो हमारी ही जेब टटोली जा रही है। मंगलवार को ओपीडी सेवाएं तीन घंटे बंद रखीं, पर हमने कोरोना मरीजों का इलाज जारी रखा।

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