डाक्टरों ने काले मास्क और बिल्ले लगाकर जताया विरोध
कोरोना में मरीजों की सेवा करते-करते देश भर में 1600 से अधिक डाक्टर मौत की आगोश में समा गए।
जासं, अमृतसर : कोरोना में मरीजों की सेवा करते-करते देश भर में 1600 से अधिक डाक्टर मौत की आगोश में समा गए। डाक्टरों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों का इलाज किया और अब भी कर रहे हैं। इसके बावजूद देश भर में डाक्टरों पर हमले हो रहे हैं। इसके विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शुक्रवार को सांकेतिक हड़ताल की।
आइएमए हाल में इकट्ठा हुए डाक्टरों ने काले बिल्ले व काले मास्क पहनकर विरोध दर्ज करवाया। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर केडी सिंह ने कहा कि कोरोना काल से पहले भी डाक्टरों पर हमले होते रहे हैं। इन दिनों डाक्टरों पर हिसा के मामले बढ़ रहे हैं। एसोसिएशन द्वारा कई बार सरकार से डाक्टरों की सुरक्षा की मांग की गई पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। ज्यादातर लोग कोरोना मरीज को तब अस्पताल में लाते हैं जब उसकी हालत बिगड़ चुकी होती है। ऐसे में उसे बचाना मुश्किल होता है। इसके बावजूद डाक्टर जी जान लगाकर उसका इलाज करते हैं। संसदीय कमेटी में हेल्थ केयर वर्करों की सुरक्षा का बिल पिछले साल लाया गया पर अफसोस यह है कि इस बिल को पास ही नहीं किया गया। आइएमए की जिला अध्यक्ष डाक्टर अमनदीप कौर, महासचिव डा. जेएस ग्रोवर सहित तमाम डाक्टरों ने सरकार से सुरक्षा की मांग की।