स्वास्थ्य सेवाओं को डाक्टरों ने दिया जख्म
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बहुत खराब हो गई है। हेल्थ सेवाओं को जख्म भी सरकारी डाक्टरों ने ही दिया है।
जासं, अमृतसर: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बहुत खराब हो गई है। हेल्थ सेवाओं को जख्म भी सरकारी डाक्टरों ने ही दिया है। डाक्टरों को सरकार से नाराजगी है कि पे कमीशन की सिफारिशों में संशोधन के बाद उनका एनपीए कम क्यों किया गया है। इस बात को लेकर वे पिछले एक महीने से हड़ताल पर हैं।
सोमवार को पंजाब के प्रमुख चिकित्सा संस्थान गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) में भी पूरा दिन ओपीडी सेवाएं ठप रखी गई। इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे पूर्व इस अस्पताल में प्रतिदिन सुबह आठ से ग्यारह बजे तक तीन घंटे ही ओपीडी सेवाएं बंद की जाती थी। गुरु नानक देव अस्पताल के साथ-साथ सरकारी मेडिकल कालेज स्थित नशा मुक्ति केंद्र का स्टाफ व फैकल्टी मेंबर ने भी काम का बहिष्कार कर दिया। समूह डाक्टरों ने अस्पताल परिसर में धरना लगाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हड़ताल की वजह से इस अस्पताल में सर्जरी नहीं हुई। मरीजों को अगले दिन का समय दिया गया। इसी प्रकार ओपीडी के बाहर मरीजों का भारी हुजूम उमड़ा पर अंदर डाक्टर नहीं थे। मेडिसन, सर्जरी, आर्थो, स्किन विभागों में मरीजों को परेशान होते देखा गया। इसी प्रकार ईएनटी अस्पताल, ईएसआई अस्पताल, टीबी अस्पताल व सिविल अस्पताल में भी सेहत सेवाएं पूरी तरह से ठप रखी गई। ईएसआइ फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि सरकार जब तक एनपीए व अन्य भक्तों में की गई कटौती को वापस नहीं लेती तब तक उनका धरना जारी रहेगा।