पे कमीशन की सिफारिशों के खिलाफ डाक्टरों ने किया प्रदर्शन
छठे पे कमीशन के लागू होने का जहां सरकारी कर्मचारी जश्न मना रहे हैं वहीं डाक्टर वर्ग निराशा में है। पे कमीशन लागू होने से डाक्टरों का नान प्रैक्टिस अलाउंस पांच प्रतिशत कम हो जाएगा वहीं डीए व अन्य भत्तों में भी कटौती होगी।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : छठे पे कमीशन के लागू होने का जहां सरकारी कर्मचारी जश्न मना रहे हैं, वहीं डाक्टर वर्ग निराशा में है। पे कमीशन लागू होने से डाक्टरों का नान प्रैक्टिस अलाउंस पांच प्रतिशत कम हो जाएगा, वहीं डीए व अन्य भत्तों में भी कटौती होगी। इसके विरोध में डाक्टरों में आक्रोश भड़क गया है। सोमवार को सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर व पटियाला के डाक्टरों ने सुबह आठ से 11 बजे तक पेनडाउन स्ट्राइक की।
सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर पंजाब स्टेट मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन तथा पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज से संबंधित डाक्टरों ने रैली भी निकाली। इस अवसर पर एसोसिएशन की अध्यक्ष डा. मृदु ग्रोवर ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच डाक्टरों ने सेवा और समर्पण की मिसाल कायम की। अपनी जान से हाथ भी धो बैठे। तकरीबन सभी डाक्टर कोरोना संक्रमित हुए। इस संकटकाल में डटकर खड़े डाक्टरों के साथ पंजाब सरकार ने अन्याय किया है। पे कमीशन में एनपीए को 25 से 20 प्रतिशत कर दिया गया। इसके साथ ही एनपीए को बेसिक पे से डी लिक करने की सिफारिश की गई। इससे डाक्टरों का वेतन कम हो जाएगा। इसके अलावा पेंशन व अन्य भत्तों में भी कटौती हो जाएगी। यह कोरोना वारियर्स के साथ बेहूदा मजाक है। एसोसिएशन इसका कड़ा विरोध करती है। इसके साथ ही वह मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी से मिलकर इन सिफारिशों को हटवाने की मांग करेंगे। हम तो यह चाहते थे कि कोरोना काल में काम के बदले सरकार हमें कोई आर्थिक लाभ देगी, पर यहां तो हमारी ही जेब टटोली जा रही है। इस अवसर पर डाक्टरों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
उधर, पीसीएमएस स्पेशलिस्ट डाक्टर्स एसोसिएशन ने पे कमीशन की सिफारिशें लागू होने के बाद डाक्टरों के वेतन में होने वाली कटौती के विरोध में प्रदर्शन किया। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को पत्र लिखकर साफ कहा है कि एनपीए को 20 प्रतिशत करने से इसे बेसिक वेतन से अलग किया जा रहा है। यह डाक्टरों से अन्याय है। सरकार इस पर विचार करे, अन्यथा डाक्टर सख्त कदम उठाने को मजबूर होंगे।