सरकार से नाराज डाक्टर, आज इमरजेंसी छोड़कर पंजाब भर में सेहत सेवाएं रहेंगी ठप

कोरोना काल में पहली बार राज्य भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गति रुक जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 06:00 AM (IST)
सरकार से नाराज डाक्टर, आज इमरजेंसी छोड़कर पंजाब भर में सेहत सेवाएं रहेंगी ठप
सरकार से नाराज डाक्टर, आज इमरजेंसी छोड़कर पंजाब भर में सेहत सेवाएं रहेंगी ठप

जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना काल में पहली बार राज्य भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गति रुक जाएगी। पंजाब सरकार द्वारा छठे पे-कमीशन की सिफारिशों के विरोध में प्रदेश भर के सरकारी डाक्टर शुक्रवार को हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान वे मरीजों की जांच नहीं करेंगे। ओपीडी का बहिष्कार करने के साथ-साथ समूह डाक्टर सरकार द्वारा प्रायोजित किसी भी वीडियो कांफ्रेंसिग, वेबिनार आदि का हिस्सा नहीं बनेंगे। वहीं इलेक्टिव सर्जरी भी नहीं की जाएंगी। आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना से जुड़े मरीजों को यदि सरकारी एवं निजी अस्पतालों में इलाज की जरूरत पड़ती है तो भी इनकी फाइल अप्रूव नहीं की जाएगी। कार्ड धारक मरीजों को अपनी जेब से खर्च कर इलाज करवाना होगा।

डाक्टरों ने सरकार को इतनी राहत जरूर दी है कि वे शुक्रवार को कोरोना मरीजों का ट्रीटमेंट करेंगे। इसके साथ ही इमरजेंसी में आए मरीजों का उपचार करेंगे, वहीं मेडिको लीगल सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। इस हड़ताल की वजह से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले अस्पतालों में गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) और सिविल अस्पताल हैं। इसके अलावा सात ब्लाकों में स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों व प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में भी मरीजों को डाक्टर नहीं मिलेंगे। डाक्टर वर्ग से सरकार ने किया धक्का : डा. सेठी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहायक सचिव डा. आरएस सेठी ने कहा कि पे-कमीशन के संशोधन के बाद डाक्टरों को नान प्रैक्टिस अनाउंस के साथ-साथ भत्तों व पेंशन आदि में काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। कोराना काल में एक डाक्टर वर्ग है जिन्होंने निस्वार्थ भावना से मरीजों की सेवा की। देश भर में सैकड़ों डाक्टर अपनी जान से हाथ धो बैठे, फिर भी हम मरीजों को बचाने में दिन रात एक कर रहे हैं। पंजाब सरकार डाक्टर वर्ग का शोषण कर रही है जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। पे-कमीशन की सिफारिशें वापस ले स रकार : राकेश शर्मा

डाक्टरों ने सरकार के खिलाफ एक ज्वाइंट एक्शन कमेटी का गठन किया है। इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन राकेश शर्मा ने कहा कि सरकार को पे-कमीशन की सिफारिशें वापस लेनी होंगी। समूह डाक्टरों में इसके खिलाफ खासा आक्रोश है। शुक्रवार को इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के साथ-साथ गवर्नमेंट मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन, डेंटल डाक्टर्स एसोसिएशन, आयुर्वेदिक डाक्टर एसोसिएशन, वेटर्निटी डाक्टर्स एसोसिएशन, रूरल मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन से संबंधित डाक्टर्स पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहेंगे। डाक्टरों का मनोबल कमजोर करने की साजिश: डा. कुलदीप

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट डा. कुलदीप सिंह अरोड़ा ने कहा कि कोरोना संकट काल में पंजाब सरकार ने डाक्टरों का मनोबल कमजोर करने की कुचेष्टा है। डाक्टरों को पूर्व में मिलने वाला एनपीए 25 प्रतिशत की बजाय 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही एनपीए को बेसिक पे से अलग कर डाक्टरों का आर्थिक शोषण करने की साजिश की गई है। यही वजह है कि डाक्टरों को अपने तरीके से संघर्ष करना पड़ रहा है।

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