गुरमीत बावा को गार्ड आफ आनर न देने पर कलाकारों ने बताई नाराजगी

लोक गायिका और लंबी हेक (सुर) की मल्लिका गुरमीत बावा का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 05:00 AM (IST)
गुरमीत बावा को गार्ड आफ आनर न देने पर कलाकारों ने बताई नाराजगी
गुरमीत बावा को गार्ड आफ आनर न देने पर कलाकारों ने बताई नाराजगी

जासं, अमृतसर: लोक गायिका और लंबी हेक (सुर) की मल्लिका गुरमीत बावा का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। इस मौके पर पदमश्री पूरन चंद वडाली, अदाकारा सतिंदर सत्ती, गायक दलविदर दयालपुरी, निम्मा लोहारका, मर्कस पाल गुमटाला, रमेश यादव, दीप दविदर, भूपिदर सिंह संधू, जसप्रीत सिंह आदि मौजूद थे। देश ही नहीं बल्कि विदेश में पंजाबी सभ्याचार के प्रचार व प्रसार में अहम रोल निभाने के साथ-साथ राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित गुरमीत बावा को जिला प्रशासन की तरफ से गार्ड आफ आनर नहीं दिया गया। श्मशानघाट में उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे लोग इस पर बातें कर रहे थे। यहां तक कि कई कलाकारों ने इस पर रोष जताया है।

फोक्लोर रिसर्स अकादमी के प्रधान रमेश यादव ने मां बोली पंजाबी की लोक गायकी के माध्यस से सेवा करने वाली गुरमीत बावा को शासन व प्रशासन द्वारा गार्ड आफ आनर न देने पर अपत्ति जताई है। उनका कहना है कि गुरमीत बावा परिवार ने उनके अंतिम संस्कार करने संबंधी जब सोमवार का फैसला लिया था, तो इतना समय देने के बावजूद शासन व प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, जो सरासर गलत है।

पंजाब नाटशाला के संस्थापक व शिरोमणि नाटककार जतिदर बराड़ का कहना है कि गुरमीत बावा लोक गायकी में अपनी अलग पहचान रखती थी, जिसके बल पर उन्होंने देश ही नहीं बल्कि विदेश में पंजाब और पंजाबियत को प्रफुल्लित किया। संगीत जगत से जुड़ी हस्तियां गुरमीत बावा की दिल से इज्जत करते हैं और भविष्य में भी रहेगी और सरकारी नियम के मुताबिक उनका सम्मान होना चाहिए था।

विरसा विहार सोसायटी के प्रधान केवल धालीवाल का कहना है कि गुरमीत बावा कोई छोटी हस्ती नहीं थी।पंजाबी सभ्याचार की सेवा में उम्र गुजारने वाली गुरमीत बावा को जिला प्रशासन की तरफ से सलामी देने का आयोजन होना चाहिए।धालीवाल का कहना है कि गुरमीत बावा देहांत पर जिला प्रशासन को सरकारी छुट्टी की घोषणा करनी चाहिए थी, ताकि नई युवा पीढ़ी को गुरमीत बावा के विषय में पूरी जानकारी मुहैया करवाई जानी चाहिए थी। डीसी और एसडीएम बाद में आ गए थे अंतिम संस्कार में: औजला

दैनिक जागरण के साथ बातचीत करते हुए सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि गुरमीत बावा के अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन की तरफ कोई पहुंच न करने पर बातचीत हुई थी। जिसके बाद लगभग दस मिनट में डिप्टी कमिश्नर (डीसी) गुरप्रीत सिंह खैहरा के साथ एसडीएम राजेश शर्मा भी गुरमीत बावा को अंतिम विदायगी देने के लिए शामिल हुए।

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