जौड़ा फाटक हादसे के पीड़ित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे

19 अक्टूबर 2018 को जौड़ा फाटक पर हुए रेल हादसे के जख्म सोमवार को एक बार फिर ताजा हो गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 12:34 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 12:34 AM (IST)
जौड़ा फाटक हादसे के पीड़ित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे
जौड़ा फाटक हादसे के पीड़ित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे

जागरण संवाददाता, अमृतसर : 19 अक्टूबर 2018 को जौड़ा फाटक पर हुए रेल हादसे के जख्म सोमवार को एक बार फिर ताजा हो गए। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों ने भंडारी पुल पर अनिश्चितकालीन धरना लगाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। परिजनों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें नौकरी नहीं दी, न ही उनकी सुध ली। राशन और पेंशन की सुविधा तक भी सरकार उपलब्ध नहीं करवा पाई। उन्होंने कहा, जब तक कैबिनेट मंत्री धरनास्थल पर आकर उन्हें लिखित आशवासन नहीं देता, तब तक वह नहीं हटेंगे।

पिछले साल जौड़ा फाटक रेल ट्रैक पर खड़े होकर दशहरा उत्सव देख रहे लोगों पर डीएमयू चढ़ गई थी। हादसे में 59 लोगों की मौत हुई थी। धरने पर बैठे पीड़ित नंद किशोर ने कहा कि सरकार ने एक भी वायदा पूरा नहीं किया। सरकार ने तो पीड़ित परिवारों को गोद लेने की बात कही थी। विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पीड़ित परिवारों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने की बात कही थी। आज तक किसी परिवार को नौकरी नहीं मिली। हम लोग थक हार चुके हैं। धरने-प्रदर्शन के सिवाय दूसरा कोई विकल्प नहीं। हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखित तख्तियां उठाकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि इस हादसे ने उनके अपनों को मौत की नींद सुला दिया। सरकार ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की। रेलवे विभाग भी अपनी गलती से पल्ला झाड़ गया। आखिर सरकार यह बताए कि इस हादसे का कसूरवार कौर था।

पीड़ित राजेश कुमार के अनुसार हादसे में किसी का बेटा चला गया तो किसी का पिता। दर्दनाक हादसे के बाद सरकार ने अपनी नाक बचाने के लिए कई घोषणएं कीं जो आज तक पूरी नहीं हो पाईं। घर का कमाने वाला सदस्य चला गया, उसका परिवार किस हाल में है सरकार को यह भी देखना चाहिए।

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