ई-ऑटो से बदलेंगे शहर के पुराने डीजल ऑटो

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर की पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने तथा प्रदूषण को कम करने के लिए पुराने डीजल ऑटो को ई-ऑटो में बदलता जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 12:53 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 12:53 AM (IST)
ई-ऑटो से बदलेंगे शहर के पुराने डीजल ऑटो
ई-ऑटो से बदलेंगे शहर के पुराने डीजल ऑटो

जागरण संवाददाता, अमृतसर: स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर की पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने तथा प्रदूषण को कम करने के लिए पुराने डीजल ऑटो को ई-ऑटो में बदलता जाएगा। पहले फेज में सात हजार डीजल आटोज को ई आटोज में बदला जाएगा। ई आटोज के लिए शहर में 20 से 25 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। फ्रैंच डिवेल्पमेंट एजेंसी(एएफडी) व केंद्रीय आवास व शहरी विकास मंत्रालय द्वारा संचालित प्रोजेक्ट के तहत अमृतसर देश का पहला ऐसा शहर होगा, जहां पर इतने बड़े स्तर पर ई-ऑटो को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का हिस्सा बनाया जाएगा।

अमृतसर स्मार्ट सिटी की सीईओ कोमल मित्तल ने बताया कि प्रोजेक्ट में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ड्राइवरों को सबसिडी देने के साथ-साथ उन्हें आसान दरों में लोन भी मुहैया करवाया जाएगा। पहले फे•ा में लगभग सात हजार डीजल ऑटो ई आटोज में बदले जाएंगे और बाकि के ऑटो दूसरे फे•ा में बदले जाएंगे। बदले जाने वाले ऑटो रिक्शा को स्क्रैप कर दिया जाएगा ताकि वह फिर दोबारा शहर में या किसी दूसरी जगह ना चल सकें। प्रोजेक्ट पर पिछले एक साल से काम चल रहा है। अभी कोरोना और लॉकडाउन के बाद पैदा हुए हालातों के बाद ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों की आर्थिंक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सबसिडी की राशि को पहले प्लान की गई राशि से बढ़ाया जा रहा है, ताकि ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों को ई-ऑटो खरीदने में ज्यादा आसानी हो। जल्द ही प्रजोक्ट की फाइनल रिपोर्ट भी तैयार करके अगले साल जनवरी में प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरूआत हो जाएगी। ई-ऑटो से न सिर्फ वायु प्रदूषण का स्तर शून्य होगा, बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगा।

रूट परमिट व पासिंग फीस और मोटर व्हीकल टैक्स माफ

पंजाब सरकार द्वारा भी ई-ऑटो के लिए रूट परमिट फीस, मोटर व्हिकल टैक्स तथा पासिग फीस से छूट दी गई है। डीजल और सीएनजी ऑटो में ऐसी कोई भी छूट नहीं दी जाती। वहीं इससे न सिर्फ शहर के प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी वहीं ऑटो रिक्शा चालकों की कमाई में भी बढ़ोतरी होगी।

- मौजूदा समय में ई-ऑटो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। ई-रिक्शा में लेड एसिड बैटरी का इस्तेमाल होता है, जबकि ई-ऑटो में लिथियम ऑयल बैटरी इस्तेमाल होती है। यह न सिर्फ तीन-चार गुना ज्यादा समय तक चलती है, बल्कि आधे समय में पूरी चार्ज भी हो जाती है। ई-ऑटो की स्पीड भी ई-रिक्शा से दोगुनी, यानी 50 किमी प्रति घंटा होती है ।

कोमल मित्तल, सीईओ, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

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