अमृतसर में पहुंची यात्रा का स्वागत, गुरु रविदास और संत मीराबाई की निशानियों के भक्तों ने किए दर्शन

राजस्थान से शुरू हुई एतिहासिक सांझीवालता यात्रा तरनतारन से होकर अमृतसर पहुंचीं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 04:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 04:00 AM (IST)
अमृतसर में पहुंची यात्रा का स्वागत, गुरु रविदास और संत मीराबाई की निशानियों के भक्तों ने किए दर्शन
अमृतसर में पहुंची यात्रा का स्वागत, गुरु रविदास और संत मीराबाई की निशानियों के भक्तों ने किए दर्शन

संस, अमृतसर: राजस्थान से शुरू हुई एतिहासिक सांझीवालता यात्रा तरनतारन से होकर अमृतसर पहुंचीं। यात्रा जब तरनतारन रोड बाबा नौध सिंह की समाध में पहुंची तो संत समाज ने यात्रा का स्वागत किया। यात्रा में सुशोभित सतगुरु रविदास महाराज व संत मीरा बाई की पावन निशानियों के दर्शन करके भक्तों ने आनंद लिया। इन निशानियां के दर्शन करके खुशी मनाई। कई जगह पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। श्री दुग्र्याणा तीर्थ में यात्रा का पहुंचने पर कमेटी के पदाधिकारियों ने भव्य स्वागत किया। संत समाज में महंत दुर्गादास संत संदीप महाराज, परम पूज्य सरोज देवा, परम पूज्य आत्मज्योति गिरी महंत, जसविदर महंत, स्वामी स्वरूपानंद ने इस यात्रा का स्वागत किया। इसके अलावा विश्व हिदू परिषद के पंजाब प्रांत के प्रधान संतोष गुप्ता हरदीप दुग्गल रजनीश चतर्थ व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

श्री दुग्र्याणा तीर्थ में जब यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। महामंत्री अरुण खन्ना ने संत समाज का अभिनंदन किया। यात्रा में शामिल संत समाज तथा श्रद्धालुओं ने भगवान श्री लक्ष्मी नारायण ठाकुर जी के द्वार पर नतमस्तक होकर पूजा अर्चना की। यह यात्रा श्री दुग्र्याणा तीर्थ में प्रस्थान करने के बाद 23 नवंबर की प्रात: अमृतसर से पठानकोट के लिए रवाना होगी। इस अवसर पर संत पुरुषोत्तम दास फगवाड़ा संत ध्यान चंद संत गौरव गिरी पट्टी संत रामानंद आरएसएस के प्रमोद कुमार जितेंद्र कुमार गोलू राजकुमार सोमदेव शर्मा तथा अन्य लोग शामिल थे। यह यात्रा 19 नवंबर को संत मीराबाई जी के जन्म स्थान मेंत्रता राजस्थान से शुरू हुई थी। जोकि देहरा श्री गुरु रविदास मंदिर चक्क हकीम फगवाड़ा 28 नवंबर को पहुंचेगी। यह यात्रा 19 नवंबर को मेड़ता से बीकानेर 20 नंबर से बीकानेर से अबोहर 21 नवंबर से अबोहर से फिरोजपुर 22 नंबर पहुंची थी। जो कि अब फिरोजपुर से अमृतसर पहुंची है। यह यात्रा अब 23 नवंबर को अमृतसर से पठानकोट तथा 24 नवंबर को पठानकोट से जालंधर 25 नवंबर से जालंधर से बठिडा 26 नवंबर को बठिडा से पटियाला 27 नवंबर को पटियाला से खुराल गढ साहिब 28 नवंबर को खुरालगढ़ से लुधियाना और 29 नवंबर को यह यात्रा चक हकीम फगवाड़ा में जाकर समाप्त होगी। इस यात्रा में सतगुरु रविदास जी महाराज व संत मीराबाई जी की पावन निशानियां श्री गुरु रविदास दीप ग्रंथ जी व संपूर्ण समाज के रहनुमाई में अमृतसर में पहुंचा जहां पर संत समाज ने उनका भव्य स्वागत किया। लोगों ने दर्शन करके खुशी महसूस की। इस अवसर पर संत पुरुषोत्तम दास फगवाड़ा संत ध्यान चंद संत गौरव गिरी पट्टी संत रामानंद आरएसएस के प्रमोद कुमार जितेंद्र कुमार गोलू राजकुमार सोमदेव शर्मा तथा अन्य लोग शामिल थे।

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