गांवों का विकास, योजनाओं को लाभपात्रों तक पहुंचाना ही उद्देश्य: एडीसी

जिला प्रशासन जिले के गावों के लोगों तक हर मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रहा है। सरकारी स्कीमें गाव-गाव तक पहुंचाई जा रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 10:00 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 10:00 AM (IST)
गांवों का विकास, योजनाओं को लाभपात्रों तक पहुंचाना ही उद्देश्य: एडीसी
गांवों का विकास, योजनाओं को लाभपात्रों तक पहुंचाना ही उद्देश्य: एडीसी

विक्की कुमार, अमृतसर

जिला प्रशासन जिले के गावों के लोगों तक हर मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रहा है। सरकारी स्कीमें गाव-गाव तक पहुंचाई जा रही हैं। अभी तक जिले के 860 गावों में वाटर सप्लाई, सीवरेज, नालियां, गलिया, शौचालय आदि बनाने के लिए 284 करोड़ रुपये के करीब खर्च किया जा चुका है। मनरेगा के तहत भी करोड़ो रुपये गावों पर खर्च किए जा रहे हैं। सरकार का मुख्य मकसद है कि गाव के युवा तंदुरुस्त रहें, इसको लेकर 126 के करीब ग्राउंड भी बनाए जाने का काम चल रहा है। यह बातें एडीसी (डी) रणबीर सिंह मूधल ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में कही।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार गाव के लोगों को हर स्कीम का फायदा उन तक पहुंचा रही है। सरकार की तरफ से शुरू किया गया 14वा व 15वा वित्त कमीशन और मनरेगा स्कीमें वरदान साबित हो रही हैं। वर्ष 2020-21 में 860 गावों के लिए 238 करोड़ रुपये जारी किए गए, जिनमें गावों के सरपंचों ने यह पैसा विकास कार्यो में खर्च किया है। 15वें वित्त आयोग के तहत गावों को 46 करोड़ रुपये दिए गए, जिनमें 70 प्रतिशत पैसा पंचायत, 20 प्रतिशत पंचायत समिति और 10 प्रतिशत जिला परिषदों को पैसा दिया गया। इन पैसों से गावों में वाटर सप्लाई, छप्पड़, सीवरेज, नाले, नालिया, शौचालयों पर खर्च किया गया है। मनरेगा स्कीम के तहत गावों में 126 ग्राउंड-स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। एक ग्राउंड में जगह के हिसाब से 10 लाख से 50 लाख रुपये तक खर्च किए जा रहे हैं। मनरेगा स्कीम में 62 करोड़ जारी किए गए। मनरेगा में अलग-अलग तरह की 260 स्कीमें हैं, जिनमें यह पैसा खर्च किया जा रहा है। गावों के लिए इन तीनों स्कीमों में केंद्र सरकार की तरफ से 60 और पंजाब सरकार की तरफ से 40 प्रतिशत पैसा दिया जाता है। इन स्कीमों से जिले के 860 गावों में शहरी सुविधाएं दी जा चुकी है।

एडीसी ने बताया कि घर-घर रोजगार स्कीम के तहत लोगों को जहा सरकार की तरफ से रोजगार दिलवाए जा रहे हैं, वहीं जो लोग आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं, उनके लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर बन रहे हैं, जहा उन्हें स्किल की ट्रेनिंग दी जा रही है। जिले व देहाती में करीब 22 सेंटर चल रहे हैं। उनका कहना है कि जो युवा ट्रेनिंग ले लेते हैं और वह अपना कोई कार्य करना चाहते हैं तो उन्हें सब्सिडी पर इंडस्ट्रियल विभाग से 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक का लोन भी मुहैया करवाया जाता है।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से गावों की महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए जा रहे हैं। इसमें पहले 10 से 12 महिलाओं का एक ग्रुप बनाया जाता है जिन्हें तीन महीने बाद 15 हजार रुपये सरकार की तरफ से दिए जाते है। छह महीने बाद 50 हजार रुपये और करीब एक साल बाद एक लाख रुपये दिए जाते है। इसी तरह पंजाब राज्य देहाती आजीविका मिशन के तहत लघु सचिवालय में 26 महिलाओं को रोजगार दिया गया है। डीएलसी रेट के तहत उन्हें 8500 रुपये वेतन दिया जा रहा है।

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