नसबंदी से कर रहे इन्कार, कैसे होगा परिवार नियोजन का सपना साकार
परिवार नियोजन का सबसे आसान व सुरक्षित तरीका है नसबंदी। दो बच्चों का प्यारा सा संसार हर अभिभावक की आरजू होती है।
नितिन धीमान, अमृतसर: परिवार नियोजन का सबसे आसान व सुरक्षित तरीका है नसबंदी। दो बच्चों का प्यारा सा संसार हर अभिभावक की आरजू होती है। दूसरी तरफ वर्तमान में ज्यादातर लोग नसबंदी करवाने से इन्कार कर रहे हैं। अमृतसर जिले में दो वर्ष के आकड़े इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। वर्ष 2020 में चार पुरुषों ने वासेक्टोमी नसबंदी करवाई, वहीं इसी अवधि में एक भी महिला ने ट्यूबैक्टमी नलबंदी नहीं करवाई। इसी प्रकार 2021 में केवल दो पुरुषों ने नसबंदी करवाई और महिलाओं की गिनती चार है। नसबंदी के प्रति कम हो रहा रुझान बेहद चिंताजनक है।
सिविल अस्पताल अमृतसर में प्रतिदिन दस से पंद्रह गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की जाती है। सभी महिलाओं व उनके पति को डिलीवरी के बाद नसबंदी करवाने को डाक्टर कहते हैं। यह जानकर हैरानी होगी कि 98 फीसद लोग इससे इंकार कर रहे हैं। 2019 तक नसबंदी के लिए लोग स्वेच्छा से या थोड़ा सा प्रोत्साहित करने के बाद आगे आते थे। प्रतिमाह औसतन दस से बारह लोग नसबंदी करवाते थे। लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे
सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. चंद्रमोहन के अनुसार कोरोना काल से लोग नसबंदी करवाने से पीछे हट रहे हैं। इसके अलावा और ऐसी और कोई वजह नजर नहीं आ रही। जिन अभिभावकों के दूसरी संतान हो चुकी है उनके लिए नसबंदी बेहतर विकल्प है। अब लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2020
किस माह में कितने पुरुष - महिलाओं ने करवाई नसबंदी और नलबंदी
माह -- पुरुष -- महिला
जनवरी 2 0
फरवरी 1 0
अक्टूबर 1 0
(बाकी नौ माह एक भी केस नहीं)
वर्ष 2021-- किस माह में कितने पुरुष और महिलाओं ने करवाई नसबंदी और नलबंदी
माह-- पुरुष - महिलाएं
फरवरी 1 1
मार्च 0 3
जून 1 0
(बाकी नौ माह एक भी केस नहीं) पिछले पाच साल में नसबंदी करवाने वाले पुरुषों और नलबंद करवाने वाली महिलाओं की संख्या
वर्ष पुरुष - महिला
2021- 2-4
2020- 4- 0
2019 4- 8
2018 3 - 6
2017 4 - 8