अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फरमान तानाशाही : प्रो. चावला

पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का पंजाब सरकार का फरमान तानाशाही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 04:51 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 04:51 PM (IST)
अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फरमान तानाशाही : प्रो. चावला
अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फरमान तानाशाही : प्रो. चावला

संवाद सहयोगी, अमृतसर : पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का पंजाब सरकार का फरमान तानाशाही है। क्या सरकार यह भूल गई कि देश में लोकतंत्र है और साधारण लोग या सरकारी कर्मचारी अपनी मांगें रख सकते हैं। यह ठीक है कि महामारी के काल में हड़ताल करना कोई बहुत सही बात नहीं, पर सरकार कर्मचारियों की समस्या का समाधान करने के स्थान पर उन्हें नौकरी से निकालती है यह भी सरकार का अच्छा कदम नहीं। सरकारें निश्चित ही हजारों कर्मचारियों को इसलिए ठेके की नौकरी पर रखती है ताकि जब मन चाहे उन्हें निकाल बाहर किया जाए। जब विधायक और सांसद प्रदर्शन करते हैं, जुलूस निकालते हैं जो पंजाब में पिछले एक साल में बहुत बाद हुआ, जब विरोधी पार्टियां राजभवन या विधानसभा घेरती हैं तब उन्हें तो कभी सदस्यता से बर्खास्त नहीं किया जाता। ठेका कर्मचारियों पर ही यह कहर क्यों? पहले बादल सरकार ने चुनाव के निकट आकर इन कर्मचारियों को सब्जबाग दिखाए और बड़ी-बड़ी घोषणा की कि ठेका कर्मचारियों को गफ्फे दे दिए। बादल सरकार ने तो धोखा किया ही वर्तमान अमरिदर सरकार ने भी ठेके पर काम करते सभी कर्मचारियों को पक्का करने की बात कही थी। पक्का करने के स्थान पर धक्का दे दिया और बदले की भावना से यह कहा कि आगे किसी भी भर्ती में इनको मौका नहीं दिया जाएगा। पंजाब के कांग्रेस पार्टी में जो समझदार और लोकतांत्रिक सोच रखने वाले मंत्री और विधायक हैं वे इस फैसले को बदलवाएं। अन्यथा यही समझा जाएगा कि पंजाब में तानाशाही है, लोकतंत्र नहीं।

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