कोरोना सैंपल लेने वाला दर्जा चार कर्मचारी एसएमओ ने नौकरी से निकाला

सिविल अस्पताल में कोरोना कलेक्शन सेंटर में लोगों के सैंपल लेने वाले दर्जा चार कर्मचारी रणजीत सिंह को अस्पताल प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 03:00 AM (IST)
कोरोना सैंपल लेने वाला दर्जा चार कर्मचारी एसएमओ ने नौकरी से निकाला
कोरोना सैंपल लेने वाला दर्जा चार कर्मचारी एसएमओ ने नौकरी से निकाला

जागरण संवाददाता, अमृतसर: सिविल अस्पताल में कोरोना कलेक्शन सेंटर में लोगों के सैंपल लेने वाले दर्जा चार कर्मचारी रणजीत सिंह को अस्पताल प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया है। यह कर्मचारी एक निजी कंपनी के द्वारा यहां तैनात किया गया था। इसका काम अस्पताल की सफाई व छोटे मोटे काम करना था, पर यह कोविड कलेक्शन सेंटर में घुसकर खास लोगों के सैंपल लेता था। जानकारी यह भी है कि यह कर्मचारी फर्जी रिपो‌र्ट्स भी तैयार कर देता था। यानी जो लोग कोरोना पाजिटिव पाए जाते थे उनकी नेगेटिव रिपोर्ट तैयार कर देता था।

दरअसल, रणजीत सिंह को इसी सप्ताह कोविड कलेक्शन सेंटर में लोगों के सैंपल लेते हुए देखा गया था। इस मामले की शिकायत अस्पताल के सीनियर लैब टेक्निशियन राजेश शर्मा ने अस्पताल प्रशासन से की थी। राजेश शर्मा का आरोप था कि रणजीत सिंह ने एक ही मोबाइल नंबर पर सौ से अधिक लोगों का कोविड टेस्ट करवाया। मैंने उसे सैंपल लेने से रोका भी, पर वह नहीं माना। इस मामले में अस्पताल के सीनियर मेडिकल आफिसर डा. हरकंवलजीत सिंह ने रणजीत सिंह को नौकरी से निकाल दिया है। एसएमओ के अनुसार रणजीत सिंह का रिकार्ड ठीक नहीं था। पहले भी उसके खिलाफ शिकायत आई थीं। कोरोना सैंपल लेना उसका काम नहीं था। लिहाज उसे टर्मिनेट किया गया है। अब रेमडेसिवीर दवा भी मरीजों को उपलब्ध करवाएगा विभाग

कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग अब रेमडेसिवीर दवा भी मरीजों को उपलब्ध करवाएगा। रेमडेसिविर एक एंटी वायरल दवा है। इसका निर्माण पूर्व मे हैपेटाइटिस सी के उपचार में हुआ था। बाद में इबोला वायरस के उपचार में इसे शामिल किया गया। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने बताया कि रेमडेसिवीर दवा मंगवाई गई है। पूर्व में दवा आई थी। तब मेडिकल कालेज व कुछ निजी अस्पतालों में भेजी गई थी। अब स्टेट को पुन: डिमांड की गई है। डा. चरणजीत ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों से साफ है कि यूके स्ट्रेन बुरी तरह से फैल चुकी है। यह युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रही है। 25 वर्षीय युवक की हाल ही में कोरेाना संक्रमण से मौत भी हुई थी।

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