कोरोना से डॉलर कमाने की ललक पड़ी फीकी, देश में ही करेंगे काम, नहीं लेंगे विदेश का नाम

मलेशिया से लौटे लोगों ने कहा कि वह अब देश में रहना पसंद करेंगे। उनका कहना है कि विदेशों में डॉलर या पाउंड कमाने के बजाय अपने देश में कम पैसा कमाना अच्छा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 09:15 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 09:15 AM (IST)
कोरोना से डॉलर कमाने की ललक पड़ी फीकी, देश में ही करेंगे काम, नहीं लेंगे विदेश का नाम
कोरोना से डॉलर कमाने की ललक पड़ी फीकी, देश में ही करेंगे काम, नहीं लेंगे विदेश का नाम

अमृतसर [रविंदर शर्मा]। मलेशिया में कोरोना वायरस के कारण फंसे लोग 22 मई को लौटे तो उनकी सोच में बदलाव आ गया। ज्यादातर लोगों का कहना है कि विदेशों में डॉलर या पाउंड कमाने के बजाय अपने देश में कम पैसा कमाना अच्छा है, क्योंकि कभी कोई बात होने पर आसानी से अपने घर पहुंच सकते हैं। विदेश में होने की स्थिति में घर लौटना एक सपने जैसा है, जो बहुत मुश्किल से सच होता है। कोरोना से उबरना आसान नहीं। इसमें लंबा समय लगने वाला है। हालांकि अब भी कुछ लोग कोरोना काल के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि फिर विदेश जा सकें।

कोरोना काल में बदल लिया अपना मन: सुमित

जोड़ा फाटक के 19 वर्षीय सुमित अरोड़ा कहते हैं कि मैं होटल मैनेजमेंट का चंडीगढ़ से कोर्स कर रहा हूं। मलेशिया में छह माह की इटर्नशिप करने गया था। मैंने वहां अपने भविष्य का स्कोप तलाशने के प्रयास किए। कोरोना वायरस में फंसने के बाद मैंने अपना मन बदल लिया। अपने देश में कम पैसे कमाना अच्छा है। देश के किसी भी हिस्से से आसानी से अपने घर लौट सकता हूं, लेकिन विदेश से ऐसा संभव नहीं।

विदेश नहीं, देश में ही भविष्य सुरक्षित : साहिल

नारायणगढ़ के 29 वर्षीय साहिल अरोड़ा ने कहा कि मैं टेलर का काम करता हूं। मैं टूरिस्ट वीजा पर मलेशिया घूमने गया था। टेलर के काम में वहां भविष्य देखने की कोशिश की, लेकिन कोरोना की दहशत ने मेरा ही नहीं बल्कि साथ गए अन्य लोगों का भी विदेश से ध्यान हटा दिया। घूमने के लिए तो विदेश ठीक है, मगर भविष्य अपने ही देश में तलाशना चाहिए। इसी को देखते हुए ही मैंने यहीं अपना काम बढ़ाने का मन बनाया है। कमोबेश ऐसे ही कई अन्य युवक हैं जो अब देश में ही कुछ करने योजना बना रहे हैं।

विदेश जाने का सपना नहीं तोड़ सकती : रंजीत

बंडाला की पत्ती हिंदू निवासी 36 वर्षीय रंजीत कौर ने कहा कि विदेश जाना मेरा सपना है। मैं इंग्लैंड जाना चाहती हूं, इसलिए इंडोनेशिया और मलेशिया घूमने गई थी, ताकि एक बार पासपोर्ट पर वीजा लग जाए तो इंग्लैंड का वीजा आसानी से मिल जाएगा। हालांकि फिलहाल कोरोना का काफी खतरा है, लेकिन कोरोना के खतरे को देख मैं विदेश जाने के अपने सपने को नहीं तोड़ सकती।

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