कमबख्त कोरोना, बच्चों को भी नहीं बख्श रहा

कोरोना संक्रमण ने हर आयु वर्ग को अपना निशाना बनाया है। बच्चे बूढ़े और जवान सब कोरोना की चपेट में आए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 11:51 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 11:51 PM (IST)
कमबख्त कोरोना, बच्चों को भी नहीं बख्श रहा
कमबख्त कोरोना, बच्चों को भी नहीं बख्श रहा

जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना संक्रमण ने हर आयु वर्ग को अपना निशाना बनाया है। बच्चे, बूढ़े और जवान सब कोरोना की चपेट में आए। दुखद पहलू यह है कि निर्दयी कोरोना ने दुधमुंहे बच्चों पर भी अपनी ताकत आजमाई। दो माह व छह माह के दो बच्चों को जिदगी छीन ली, जबकि 0 से 5 आयु वर्ग के 138 बच्चों को संक्रमण दिया। मार्च 2020 में जब कोरोना की शुरुआत हुई उसके बाद लगातार बुजुर्ग ही इस वायरस की चपेट में आ रहे थे। जून—जुलाई में जब कोरोना चरम पर पहुंचा तो इसने युवाओं को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया। फिर बच्चे भी संक्रमण ग्रस्त होते चले गए।

बच्चों के संक्रमित होने का सबसे बड़ा कारण शिक्षण संस्थान खुलना माना जा रहा है। 12 मार्च 2021 को खुले शिक्षण संस्थानों में शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया। बच्चों को घर से मास्क पहनाकर स्कूल भेजा गया, पर बच्चे स्कूल में ज्यादा समय तक चेहरे पर मास्क नहीं लगा पाए। वहीं स्कूलों में शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हुआ।

युवाओं के संक्रमित होने का मूल कारण बेपरवाही है। शहरी क्षेत्रों में युवा मास्क का उपहास कर रहे हैं। यानी मास्क लगाने से क्या होगा, दम घुटता है, मास्क तो फिजूल की बात है। ऐसी दलीलें युवाओं के मुंह से सुनी जा सकती हैं। एक दूसरे से मिलते वक्त हाथ मिलाना, गले लगना भी कोरोना को आमंत्रण देता रहा। पिछले वर्ष जब कोरोना की शुरूआत हुई थी तब युवाओं के चेहरे मास्क से ढके हुए थे। जेब में सैनिटाइजर था और बड़ी सतर्कता से शारीरिक दूरी का पालन करते रहे, पर अब सब कुछ इसके विपरीत है। आयु कुल संक्रमित

— 0 से 5 साल के — 138

— 5 से 10 के — 279

— 10 से 15 के — 557

— 15 से 18 के — 1220

— 19 से 30 के — 2064

— 31 से 45 — 6625

— 46 से 60 — 6042

— 60 से 100 आयु वर्ग के — 7289

कुल 24214

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