टीका लगने के बाद भी हुआ कोरोना, पर मामूली बुखार आया और तुरंत मात दी
कोरोना को कोई समझ नहीं पाया। इस वायरस पर विश्व स्तर पर रिसर्च जारी है पर यह इतना शातिर है कि एक रिसर्च पूरी होने से पहले ही नई चुनौतियां खड़ी कर देता है।
जासं, अमृतसर: कोरोना को कोई समझ नहीं पाया। इस वायरस पर विश्व स्तर पर रिसर्च जारी है, पर यह इतना शातिर है कि एक रिसर्च पूरी होने से पहले ही नई चुनौतियां खड़ी कर देता है। शहर में इस वायरस से संबंधित ऐसे मामले सामने आए है जिसमें मरीज दो बार संक्रमित हुए हैं। कोरोना संक्रमित हुए मरीज स्वस्थ होने के बाद वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं, फिर भी पाजिटिव रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि उनके शरीर को वैक्सीन के जरिए लड़ने की ताकत मिली है।
एसजीआरडी के एमडी मेडिसिन डा. मनिदर सिह कहते हैं कि कोरोना वायरस को मानव शरीर में पहुंचने से रोकने में अभी तक कोई वैक्सीन कारगर नहीं हां, कोरोना वैक्सीन लगने के बाद इंसान का जीवन सुरक्षित हो जाता है। वायरस उनके नाक या मुंह के जरिए शरीर में पहुंच सकता है, पर वैक्सीन द्वारा शरीर में बनाई गई एंटी बाडी वायरस को मुंहतोड़ जवाब देती है। सीधे शब्दों में कहें तो कोरोना वैक्सीन हमें कोविड-19 के गंभीर खतरे से बचाती है। यह भी जानना जरूरी है कि दोनों वैक्सीन लगने के बाद यदि कोरोना हो जाए तो फिर से वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं होती। केस-1 : वैक्सीन बनी कवच, वायरस से लड़ने की ताकत मिली
गुरुनानक देव अस्पताल में कार्यरत 33 वर्षीय एक पैरा मेडिकल कर्मचारी कोरोना की पहली लहर में संक्रमण की चपेट में आया। बुखार के साथ खांसी व कफ की शिकायत थी। 17 दिन होम आइसोलेट रहने के बाद उसने कोरोना को परास्त कर दिया। दो माह बाद उसने पहली डोज और 28 दिन बाद दूसरी डोज लगवाई। वैक्सीन का सुरक्षा कवच पहनकर यह कर्मचारी पुन: कोरोना मरीजों की सेवा में जुट गया। हाल ही में इस कर्मचारी को खांसी-जुकाम की शिकायत हुई। रिपोर्ट उसकी कोविड पाजिटिव आई। उसे चिंता नहीं हुई क्योंकि वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली थीं। अब वह पुन: होम आइसोलेट है। हालांकि वैक्सीनेशन की वजह से कोरोना वायरस गंभीर लक्षण नहीं दिखा पाया। केस-2: दोनों डोज लगवाई पर गंभीर लक्षण नहीं
सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत एक स्वास्थ्य कर्मी की स्थिति भी मिलती-जुलती है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उसने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा लीं, पर दो महीने बाद संक्रमण से पीड़ित हो गया। अब होम आइसोलेशन में है, पर गंभीर लक्षण कोई नहीं। उनके अनुसार मुझे सिर्फ हल्का बुखार है। दरअसल, कोरोना के नए व पुराने स्ट्रेन से लड़ने में कोवैक्सीन व कोविशील्ड बेहद प्रभावी हैं। वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद दो से तीन सप्ताह में एंटी बाडी विकसित हो जाती है। यदि कोई पाजिटिव हो भी जाए तो उसे मामूली लक्षण होते हैं। वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता है।