केंद्र का संशोधित विधेयक देश में जातीय संघर्ष को जन्म देगा : प्रो. लाल
पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने केंद्र के संशोधित विधेयक पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह विधेयक लोगों की भावनात्मक एकता को कमजोर करेगा।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने केंद्र के संशोधित विधेयक पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह विधेयक लोगों की भावनात्मक एकता को कमजोर करेगा। आपसी भाईचारे में दरार पैदा करेगा और जातीय संघर्ष को जन्म देगा। यह न तो सामाजिक सद्भावना के हित में है और न ही राष्ट्रीय एकता के लिए कोई सही कदम है, बल्कि यह पूरी तरह नकारात्मक है। जातीय भेदभाव और गौरव के कारण भारत साढ़े 800 वर्ष गुलाम रहा है। ऐसा लगता है कि भारतीय राजनेताओं ने लंबी गुलामी से भी कुछ नहीं सीखा और केवल वोट बैंक तैयार करने के लिए राष्ट्र की एकता को ही खतरे में डाल रहे हैं। प्रो. लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विस्तारपूर्वक पत्र लिखकर मांग की कि वह इस पर गंभीरता से पुन:विचार करे और राष्ट्र हित में सर्वोच्च न्यायपालिका के फैसले को ही मान्यता प्रदान करें।