सीआइआइ विद्यार्थियों व उद्योगपतियों के बीच सेतू बनकर करेगा काम

। लगातार इंडस्ट्री के लिए काम करने वाली संस्था कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) ने अब शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाते हुए विद्यार्थियों की स्किल निखारने के लिए काम शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 07:05 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 07:05 PM (IST)
सीआइआइ विद्यार्थियों व उद्योगपतियों 
के बीच सेतू बनकर करेगा काम
सीआइआइ विद्यार्थियों व उद्योगपतियों के बीच सेतू बनकर करेगा काम

जागरण संवाददाता, अमृतसर

लगातार इंडस्ट्री के लिए काम करने वाली संस्था कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) ने अब शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाते हुए विद्यार्थियों की स्किल निखारने के लिए काम शुरू कर दिया है। इसके तहत सीआइआइ ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) के साथ टाइअप कर एक ज्वाइंट वर्किंग कमेटी गठित की है।

इस कमेटी का काम विद्यार्थियों की इंडस्ट्री में प्लेसमेंट, इंडस्ट्री विजिट, स्किल डवलपमेंट, रोजगार पैदा करना आदि के लिए काम करना है। इसके लिए लगातार आइडिया कंपीटिशन करवाए जा रहे हैं। इसमें विद्यार्थी बिजनेस के आइडिया लेकर आते हैं। बेस्ट आइडिया को सीआइआइ की ओर से बड़े उद्योगपतियों के साथ शेयर किया जाता है। ऐसे आइडिया पर इंडस्ट्री की ग्रोथ पर काम किया जाता है। बिजनेस आइडिया सिलेक्ट होने पर संबंधित विद्यार्थियों को भी उस प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा जाएगा। ताकि पढ़ाई के दौरान ही विद्यार्थी की नौकरी कंफर्म हो सके। इसके अलावा अक्सर देखने में आता है कि विद्यार्थी पढ़ाई में काफी होशियार होते हैं मगर स्किल डवलप न होने के कारण वह अक्सर इंटरव्यू के समय किसी कारण रह जाते हैं। इस तरह के सारे केसों में भी विद्यार्थियों को स्किल को निखारने के लिए सीआइआइ अब काम करेगा।

सीआइआइ के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के बाद लगातार कई लोगों की नौकरियां चली गई। साथ ही विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बहुत असर पड़ा है। क्योंकि विद्यार्थी इंडस्ट्री में जाकर अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाए। इसी को ध्यान में रखते हुए यह संयुक्त प्रयास शुरू किया गया है। विद्यार्थियों को वैरायटी आफ कोर्स की बहुत जरूरत है। इसलिए सीआइआइ विद्यार्थियों और उद्योगपतियों के बीच सेतू का काम करेगा। जिसमें विद्यार्थियों को इंडस्ट्री विजिट और इंटर्नशिप करवाने में पूरा सहयोग किया जाएगा। उद्योगपति भी चाहते हैं कि किसी भी फ्रेशर को नौकरी देने से पहले कम से कम छह महीने की इंटर्नशिप होनी जरूरी है। इससे नौकरी पर आने वाले विद्यार्थी को जमीनी स्तर पर काम करने की समझ रहेगी और वह अच्छी प्रतिभा दिखा सकता है।

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