आनलाइन वर्कशाप में हुई मक्की की खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा

। कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) की ओर से करवाई जा रही एग्रो एंड फूड टेक-2020 आनलाइन वर्कशाप के तीसरे दिन पंजाब में मक्की की खेती को प्रोत्साहित करने पर चर्चा हुई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:48 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:48 AM (IST)
आनलाइन वर्कशाप में हुई मक्की की  खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा
आनलाइन वर्कशाप में हुई मक्की की खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा

जागरण संवाददाता, अमृतसर

कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) की ओर से करवाई जा रही एग्रो एंड फूड टेक-2020 आनलाइन वर्कशाप के तीसरे दिन पंजाब में मक्की की खेती को प्रोत्साहित करने पर चर्चा हुई।

इस दौरान माहिरों ने अपने सुझाव दिए और भविष्य में इससे होने वाले लाभ की विस्तार से जानकारी दी। वर्कशाप में 300 किसान भी शामिल हुए। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) से डा. जेएस चावला ने बताया कि पंजाब के कृषि विभाग ने दो लाख हेक्टेयर भूमि को मक्की की खेती के तहत लाने का अभियान शुरू किया है। इससे उम्मीद है कि 94 हजार मीट्रिक टन मक्की का उत्पादन होगा। पंजाब कृषि विभाग ने धान पर निर्भर जिलों में कुछ किसानों को मुआवजा देने का कार्यक्रम शुरू किया है, जो धान से मक्की की तरफ अपना रुझान बढ़ाएंगे। इस बदलाव से धान के खूंटी जलाने की समस्या भी हल हो जाएगी। इस दौरान बिक्री-बीज (दक्षिण एशिया), कोर्टेवा एग्रीसाइंस के निदेशक गुरप्रीत भाथल व सीआइआइ के जोनल मैनेजर अवनीत सिंह ने भी अपने विचार रखे।

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