एनकाउंटर केस : चार महीने बाद सीआईए स्टाफ की टीम एसडीएम दफ्तर बयान देने पहुंची
सीआईए स्टाफ की ओर से दिसंबर महीने में होशियारपुर के युवक इंद्रजीत सिंह का निज्जरपुरा टोल प्लाजा पर किए गए एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच चार महीने बाद भी पूरी नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
सीआईए स्टाफ की ओर से दिसंबर महीने में होशियारपुर के युवक इंद्रजीत सिंह का निज्जरपुरा टोल प्लाजा पर किए गए एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच चार महीने बाद भी पूरी नहीं हुई है। घटना को अंजाम देने वाली सीआईए स्टाफ की टीम करीब चार महीने बाद एसडीएम दफ्तर में अपने बयान दर्ज करवाने के लिए पहुंची। टीम में तत्कालीन सीआईए स्टाफ के इंचार्ज सुखविदर सिंह रंधावा, एएसआई विनोद कुमार व टीम के अन्य सदस्य शुक्रवार की दोपहर एसडीएम-1 विकास हीरा के दफ्तर पहुंचे। देर शाम तक उनके बयान कलमबद्ध किए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि टीम को कई बार बुलाया गया था, लेकिन वह अपने बयान दर्ज करवाने के लिए नहीं पहुंची। वहीं दूसरी तरफ मजिस्ट्रियल जांच 90 दिन में करने का समय रहता है, लेकिन इससे अधिक का समय बीतने के बावजूद भी अभी तक जांच पूरी न होने से अधिकारियों की कारगुजारी पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है
पुलिस का दावा, युवक ने अंबाला से छीनी थी कार
8 दिसंबर की रात को दर्ज की गई एफआईआर में एएसआई विनोद कुमार ने थाना जंडियाला की पुलिस को बताया था कि उन्हें अंबाला सीआईए स्टाफ ने 8 दिसंबर को सूचना दी थी कि इंद्रजीत सिंह अंबाला के एक डाक्टर से कार छीनकर लुधियाना-जालंधर के रास्ते अमृतसर की ओर आ रहा है। इसपर उन्होंने निज्जरपुरा टोल प्लाजा पर बेरिकेडिग कर दी। इसी बीच उक्त कार चालक को रुकने का इशारा किया तो आरोपी ने बेरिकेडिग तोड़ते हुए पुलिस टीम पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने सेल्फ डिफेंस में गोली चला दी। इस कारण कार चालक घायल हो गया। उसे गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
परिवार का आरोप, मोबाइलों से डिलीट करवा दी थी वीडियो
मृतक के भाई मनिदरपाल सिंह ने घटना के समय ही एसडीएम को पत्र लिखकर मामले की जांच पारदर्शिता से करवाने की मांग की थी। आरोप लगाया था कि सीआईए स्टाफ की टीम ने जब यह एनकाउंटर किया था वहां पर किसानों ने भी धरना लगा रखा था। उस धरने में कई किसानों ने अपने मोबाइल में वीडियो बनाई थी, लेकिन सीआई स्टाफ की टीम ने उस वीडियो को ही डिलीट करवा दिया।