श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने के बाद ननकाना साहिब के लिए रास्ता खोला जाए: जगीर कौर

एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि दोनों सरकारों ने करतारपुर का बॉर्डर खोला था अब कोरोना के कारण इस बंद किया गया है। दोनों देशों की सरकारों को संगत के सुविधा के लिए रास्ता खोलना चाहिए। अब कोरोना की पाबंदिया लगभग खत्म हो गई है।

By Edited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 05:28 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:28 PM (IST)
श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने के बाद ननकाना साहिब के लिए रास्ता खोला जाए: जगीर कौर
एसजीपीसी प्रधान बीबी जगीर कौर की फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर दोबारा खोलने के साथ साथ भारत और पाकिस्तान सरकारें गुरु नानक देव जी के प्रकाश स्थान ननकाना साहिब के दर्शनों के लिए भी संगत को इजाजत देने पर विचार करें। जगीर कौर एसजीपीसी के कार्यालय में मीडिया को संबोधित कर रही थी।

एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि दोनों सरकारों ने करतारपुर का बॉर्डर खोला था अब कोरोना के कारण इस बंद किया गया है। दोनों देशों की सरकारों को संगत के सुविधा के लिए रास्ता खोलना चाहिए। अब कोरोना की पाबंदिया लगभग खत्म हो गई है। जब शिक्षण संस्थानों और अन्य जन संस्थानों पर पाबंदिया कम की गई है तो कारतारपुर का लांघा खुलना चाहिए। करतापुर साहिब में सीमित संख्या में ही श्रद्धालु जाते है इस लिए यह रास्ता जल्दी खुलना चाहिए। उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों से मांग की है कि संगत को कारतारपुर गुरुद्वारा के दर्शन की इजाजत मिलने के लिए साथ साथ श्री ननकाना साहिब के खुले दर्शन दिए जाने की भी इजाजत मिलनी चाहिए। संगत हमेशा इस के लिए अरदास करती है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में एक गुरुद्वारा से निशान साहिब उतारा जाना अति ङ्क्षनदनीय है। वहां रहने वाले सिखों के जानमाल की अफगान सरकार को रक्षा करनी चाहिए। वहां सिखों को तग परेशान किया जाना बंद होना चाहिए।

जगीर कौर ने टोकियो ओलंपिक में से कांस्य का पदक जीतने वाली हॉकी टीम को बधाई दी। कुछ खिलाडियों के साथ  भी उन्होंने वीडियो कॉल पर बात करके बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीम में अधिक संख्या पंजाबी खिलाडियों की है। एसजीपीसी लड़कों और लड़कियों दोनों की हॉकी टीम को सम्मानित करेगी। इस अवसर पर एडवोकेट भंगवत सिंह सियालका, अमरजीत सिह भलाई पुर, गुरमेल सिंह संगतपुरा, अमरीक सिंह विछोया, तेजिंदर सिंह पड्डा, डा. अमरीक सिंह, सुरजीत सिंह लहरका, प्रकाश सिंह और अवतार सिंह आदि भी मौजूद थे।

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