चरणजीत सिंह चड्ढ़ा ने गुनाहों की माफी के लिए किया अमृतपान

अमृतसर चीफ खालसा दीवान के पूर्व प्रधान चरणजीत ¨सह चड्ढा ने 23 जनवरी 2018 को हुए गुनाह की माफी के लिए एक बार फिर से अमृतपान किया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 12:25 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 12:25 AM (IST)
चरणजीत सिंह चड्ढ़ा ने गुनाहों की माफी के लिए किया अमृतपान
चरणजीत सिंह चड्ढ़ा ने गुनाहों की माफी के लिए किया अमृतपान

संवाद सहयोगी, अमृतसर

चीफ खालसा दीवान के पूर्व प्रधान चरणजीत ¨सह चड्ढा ने 23 जनवरी 2018 को हुए गुनाह की माफी के लिए एक बार फिर से अमृतपान किया है। श्री अकालतख्त पर छके गए अमृतपान के लिए चड्ढा को पांच प्यारों ने दोबारा अमृत छकने की सलाह दी थी। पांच प्यारों का कहना था कि गुनाह होने के कारण उन्हें फिर से अमृत की दाद प्राप्त करनी चाहिए। इसी के चलते गत 3 फरवरी को उन्होंने फिर से अमृतपान किया है। उन्होंने श्री अकालतख्त पर हुए अमृतसंचार की प्रक्रिया के तहत अपनी पत्नी के साथ अमृत छका था। अमृत छकने का सर्टीफिकेट भी उन्होंने श्री अकालतख्त को भेज दिया है जबकि इस मसले पर जत्थेदार हरप्रीत ¨सह ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

चड्ढा ने बताया कि उन्होंने पूर्व जत्थेदार गुरबचन ¨सह को भी दो बार पत्र सौपे थे कि कानूनी प्रक्रिया के तहत वह गुनाह से बरी हो गए हैं। इसके दस्तावेज भी उन्होंने श्री अकालतख्त को सौंप दिए थे। लेकिन उन्हें श्री अकालतख्त से कोई जवाब नहीं आया था। गौरतलब है कि 23 जनवरी 18 को चड्ढा की आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुई थी। इसका संज्ञान लेते हुए श्री अकालतख्त ने दो साल के लिए चड्ढा के समाजिक व धार्मिक मंचों पर भाग लेने पर पाबंदी लगा दी थी। चड्ढा ने कहा कि जब उन्होंने सिख रहत मर्यादा का अध्ययन किया तो उन्हें पता चला था कि उनके केस के संबंध में उन्हें पांच प्यारों के समक्ष पेश होकर दोबारा अमृत संचार करना चाहिए। इसपर श्री अकालतख्त के जत्थेदार हरप्रीत ¨सह को 21 जनवरी 19 को पत्र भेजकर अमृतसंचार करने की अपील दोहराई थी। उन्होंने कहा कि पांच प्यारों ने उन्हें उनसे हुए गुनाह के नतीजन फिर से अमृत की दाद प्रदान करते हुए फिर से गुरसिखी जीवन व्यतीत करने की अपील की है।

श्री अकालतख्त के पूर्व पांच प्यारों में सेवा निभाने वाले भाई मेजर ¨सह ने कहा कि अगर चड्ढा ने श्री अकालतख्त पर पांच प्यारों के सामने पेश होकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी व संगत की मौजूदगी में अमृत छक लिया है तो इसलिए श्री अकालतख्त सचिवालय अब उनपर कोई पाबंदी नहीं लगानी चाहिए।

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