शिक्षाविदों ने सीबीएसई के कदम को सराहा
बिना परीक्षाएं दिए विद्यार्थियों को पास करने की स्थिति से बचने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने टर्म-वन परीक्षाओं के एलान को शिक्षाविद् प्रभावी कार्रवाई मान रहे हैं।
अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर : बिना परीक्षाएं दिए विद्यार्थियों को पास करने की स्थिति से बचने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने टर्म-वन परीक्षाओं के एलान को शिक्षाविद् प्रभावी कार्रवाई मान रहे हैं। दसवीं कक्षा की 30 नवंबर व 12वीं कक्षा के प्रमुख विषय की बहुविकल्पीय परीक्षा एक दिसंबर से करने की घोषणा कर दी है। लेकिन कोरोना की संभावी मार को देखते हुए सीबीएसई ने बिना परीक्षा के पास करने के बजाय टर्म-वन परीक्षा के जरिए विद्यार्थियों को कसौटी पर परखने के लिए रूपरेखा तैयार की है। इस बार पाठ्यक्रम को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है। शिक्षाविदों ने सीबीएसई के इस कदम को ऐतिहासिक बताया है।
श्री गुरु हरकृष्ण सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिसिपल व डायरेक्टर डा. धर्मवीर सिंह ने बताया कि सीबीएसई ने कोविड आपदा को देखते हुए यह सकारात्मक निर्णय लिया है। पूरे पाठ्यक्रम को दो भागों में विभाजित किया गया है। टर्म-वन परीक्षा इसी दिशा में उठाया गया सकारात्मक कदम है। साथ ही डा. धर्मवीर सिंह ने कहा कि सब्जेक्टिव परीक्षा से विद्यार्थियों का सर्वोत्तम आकलन होता है। लेकिन कोरोना की मार और बिना परीक्षा लिए विद्यार्थियों को पास करने के बजाय यह सबसे बेहतरीन विकल्प है। प्रिसिपल डा. धर्मवीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों का उचित मूल्यांकन सब्जेक्टिव प्रश्न पत्र के जरिए किया जा सकता है। कोविड के कारण मजबूरन विद्यार्थियों से बहुविकल्पीय परीक्षा ली जा रही है। इसमें विद्यार्थियों को महज टिक करके उत्तर देना होगा।
डीएवी इंटरनेशनल स्कूल वेरका बाईपास व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की सिटी कोअर्डिनेटर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही प्रिसिपल डा. अंजना गुप्ता ने बताया कि महामारी के कारण पिछला पूरा साल विद्यार्थियों ने परीक्षाएं नहीं दी। दोबारा ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े, इसके लिए विद्यार्थियों को सीबीएसई ने पहले ही बताकर मानसिक रूप से तैयार कर दिया था। गाइडलाइन भी जारी की गई है। सीबीएसई का यह एक अच्छा निर्णय है। बच्चों में काफी आत्मविश्वास बढ़ेगा। पेपर देकर वह अपने आपको सही तौर पर आकलन कर पाएंगे। सबसे जरूरी बात है कि वह परीक्षा देने के लिए आनलाइन नहीं बल्कि स्कूल परिसर व कक्षा में आएंगे।
शिक्षाविदों का मानना है कि कोविड को देखते हुए सीबीएसई सेल्फ सेंटर बनाने की पद्धति पर काम कर सकती है। महज आब्जर्वर बाहर से आएंगे जो संबंधित केंद्र में पूरी परीक्षा की निगरानी करेंगे। यदि कोविड का प्रकोप फैलता है तो इस परीक्षा को ही आधार मानकर विद्यार्थियों की परीक्षा के परिणाम की घोषणा की जा सकती है।