सरकारी अस्पतालों में मरीजों को तीन माह से नहीं मिली कैंसर की दवा

कैंसर पीड़ितों को सरकारी राहत की दवा नहीं मिल पा रही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 09:00 AM (IST)
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को तीन माह से नहीं मिली कैंसर की दवा
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को तीन माह से नहीं मिली कैंसर की दवा

नितिन धीमान, अमृतसर: कैंसर पीड़ितों को सरकारी राहत की दवा नहीं मिल पा रही। मुख्यमंत्री कैंसर राहत कोष से मिलने वाली सरकारी दवाओं का पूरा स्टाक सरकारी अस्पतालों में नहीं पहुंच रहा। ऐसे हालात में मरीजों को हजारों रुपये खर्च कर महंगी दवाएं खरीदने को विवश होना पड़ रहा है। ताजा उदाहरण सोमवार को सामने आया। रंजीत एवेन्यू निवासी आनंद सिंह की कैंसर पीड़ित बहन को पिछले तीन माह से दवा नहीं मिल रही। वे प्रतिमाह बीस से पच्चीस हजार रुपये की दवाएं खरीदने को विवश हैं। ऐसे अनेक मरीज हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और दवा का स्टाक न होने की वजह से परेशान हैं।

आनंद सिंह के अनुसार बड़ी बहन को ब्रेस्ट कैंसर व बोन्स कैंसर है। कैंसर की आखिरी स्टेज है। श्री गुरु रामदास अस्पताल वल्ला स्थित कैंसर विभाग में उनका उपचार चल रहा है। 21 दिन बाद उन्हें कीमोथैरेपी दी जाती है। इसके बाद डाक्टर पर्ची पर दवाएं व इंजेक्शन लिखकर बाहर से खरीदने को कहते हैं। डाक्टर से पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि उनके पास दवा का स्टाक नहीं आ रहा। आनंद के अनुसार उन्होंने मुख्यमंत्री कैंसर राहत कोष योजना के तहत फाइल पास करवाई थी। ऐसे में उपचार की मद में एक भी पैसा खर्च नहीं होना चाहिए था, पर अस्पताल में कैंसर मरीजों को दो टूक जवाब मिल रहा है कि दवाओं का स्टाक नहीं है। अस्पताल में कोई भी स्टाफ बात सुनने को तैयार नहीं। ठीक ऐसी ही स्थिति गुरुनानक देव अस्पताल में भी है। यह है वजह : सरकार ने नए अनुबंध में पूरी दवाएं सूची में शामिल नहीं कीं

दरअसल, पंजाब सरकार ने दवाओं की खरीद के लिए एक निजी कंपनी से अनुबंध किया था। 30 जून को यह अनुबंध समाप्त हो गया। इसके बाद पंजाब सरकार ने इसी कंपनी से पुन: करार किया, लेकिन इस बार सरकार ने कैंसर रोग के उपचार में प्रयुक्त होने वाली 83 दवाओं को ही सूची में शामिल किया है। पूर्व में 200 से अधिक दवाएं सूची में शामिल थीं। 117 प्रकार की दवाएं मरीजों को नहीं मिल रही। गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह के अनुसार हम प्रयास कर रहे हैं कि सभी दवाएं सूची में शामिल हों। वहीं सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह का कहना है कि वह भी अपने स्तर पर इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। 'योजना बंद कर दो या दवाएं दो'

श्री गुरु रामदास इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस व गुरुनानक देव अस्पताल प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है। अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित इन अस्पताल में कैंसर मरीजों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। निजी मेडिकल स्टोर्स से कैंसर के उपचार में प्रयुक्त होने वाली दवाएं व इंजेक्शन खरीदना हर मरीज के वश में नहीं। मरीजों का कहना है कि सरकार या तो मुख्यमंत्री कैंसर राहत कोष योजना को बंद कर दे या फिर दवाओं का स्टाक भेजे।

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