जननी ने छोड़ा, जीएनडीएच के डाक्टरों ने दिया जीवन, नाम रखा परी

गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) स्थित शिशु वार्ड में नौ पहले कोई अज्ञात शख्स गंभीर हालत में नवजात बच्ची को छोड़ गया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 05:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 05:00 AM (IST)
जननी ने छोड़ा, जीएनडीएच के डाक्टरों ने दिया जीवन, नाम रखा परी
जननी ने छोड़ा, जीएनडीएच के डाक्टरों ने दिया जीवन, नाम रखा परी

नितिन धीमान, अमृतसर: गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) स्थित शिशु वार्ड में नौ पहले कोई अज्ञात शख्स गंभीर हालत में नवजात बच्ची को छोड़ गया था। इस बच्ची को उसकी जननी ने अपनी कोख में सांसें देकर अपने आंचल से अलग करके मरने के लिए छोड़ दिया मगर डाक्टरों ने किसी तरह उसे बचा लिया। यह बच्ची नौ दिन तक मौत से लड़ती रही। डाक्टरों ने उसे अपनी बेटी की तरह प्यार करते हुए उपचार किया। वहीं उन्होंने बच्ची का नाम परी रखा। अब स्टाफ उसे परी कहकर दुलारता है। वह दो-तीन दिन में पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी।

दरअसल, 25 नवंबर को कोई शख्स जब बच्ची को गुरुनानक देव अस्पताल में छोड़ गया था तब यह बच्ची तीन दिन की थी। इस शख्स ने ओपीडी पर्ची काउंटर पर अपना नाम दर्ज नहीं किया, पर पता सुजानपुर पठानकोट जिला लिखा। बच्ची को बच्चा वार्ड में दाखिल करवाकर वह वहां से भाग गया। अब जब बच्ची को यहां लाया गया था तो उसकी सांसें व धड़कनें असामान्य थीं, पर अब वह काफी हद तक ठीक है। तब से लेकर आज तक पीडिएट्रिक वार्ड की प्रभारी डा. मनमीत सोढी, डा. नरिदर सिंह, डा. संदीप अग्रवाल व सहयोगी टीम इस बच्ची की तीमारदारी कर रहे हैं। हालांकि डाक्टरों को इस बात का रंज है कि पुलिस को सूचना देने के बावजूद इस बच्ची के परिवार की तलाश आज तक नहीं की गई। बच्ची अगले दो तीन दिन में पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी। ऐसे में उसे कहां रखा जाएगा, यह डाक्टरों के लिए चुनौती है। तीन नर्सिग सिस्टर हमेशा रहती हैं पास

बच्ची को बोतल से दूध पिलाया जा रहा है। तीन नर्सिंग सिस्टर को बच्ची के पास हर वक्त रहने को कहा गया है। आमतौर पर इस अस्पताल में कई अज्ञात बच्चों को छोड़ दिया जाता है। ऐसे बच्चों का डाक्टर स्वयं अभिभावक बनकर ध्यान रखते हैं। बहरहाल, बच्ची की सांसें व धड़कनें अब सामान्य हो चुकी हैं। उसकी किलकारियों से बच्चा वार्ड गुलजार है। डाक्टरों व स्टाफ नर्स की वह दुलारी है। उसे एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ा जा रहा।

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