प्रभु की भक्ति और दृढ़ निश्चय से पाई कोरोना पर जीत
कोरोना वायरस को दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति से ही हराया जा सकता है। यह कहना है एडिशनल सुपरिटेंडेंट जेल हेमंत शर्मा का। हेमंत शर्मा बताते हैं कि उन्हें पिछले साल 21 जुलाई की शाम पता चला था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।
जासं, अमृतसर : कोरोना वायरस को दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति से ही हराया जा सकता है। यह कहना है एडिशनल सुपरिटेंडेंट जेल हेमंत शर्मा का। हेमंत शर्मा बताते हैं कि उन्हें पिछले साल 21 जुलाई की शाम पता चला था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी। बचपन में ही उनके परिवार ने उन्हें सिखाया था कि बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान प्रभु की भक्ति और अटल विश्वास से किया जा सकता है।
हेमंत शर्मा बताते हैं कि उनकी मां विनय शर्मा रेवेन्यू अफसर रह चुकी हैं। पत्नी रिचा अग्निहोत्री पुलिस विभाग में बतौर एसपी तैनात हैं। क्वारंटाइन के वह 14 दिन उन्होंने घर में परिवार से अलग रहते हुए बिताए थे। वह दिन आज तक उन्हें याद हैं। हालांकि परिवार के सदस्यों की तरफ से उन्हें रोजाना हिम्मत मिलती थी। मासूम बेटे उरवीर की सूरत वह दूर से ही देखकर सब्र कर लेते थे।
लेकिन उन्हें पता था कि उनकी दृढ़ शक्ति से कोरोना कुछ दिन बाद हारने वाला है। उन दिनों में वह अपने कमरे में रहकर जिम करते, योग करते और 24 घंटे उनके पास श्री हनुमान चालीसा का पाठ चलता था। उन्होंने कोरोना संक्रमित लोगों को संदेश दिया है कि डर से कोरोना को मात नहीं दी जा सकती। उसे हराने के लिए आत्मबल और परिवार के सहयोग की जरूरत है।