110 पनबसों का चक्का जाम, 25 रूट रहे प्रभावित, प्राइवेट बस वालों की रही चांदी
पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर मंगलवार को अस्थायी कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर दी।
संस, अमृतसर: पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर मंगलवार को अस्थायी कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर दी। यह कब तक रहेगी, इस बारे यूनियन ने कुछ नहीं बताया। इन कर्मियों ने पंजाब रोडवेज के डिपो नंबर वन और टू के मुख्य गेट पर बैठकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन व नारेबाजी की। उन्होंने मेन गेट पर बैठकर बसों के आवागमन को रोक दिया। इस कारण 90 प्रतिशत सरकारी बसों का चक्का जाम रहा। इनमें अधिकर लंबे रूट की बसें थीं। पनबस की 110 बसें नहीं चलीं। दिल्ली, चंडीगढ़, लुधियाना, पठानकोट, हिमाचल, हरियाणा और जम्मू जाने वाले यात्रियों को अधिक परेशानी तो हुई मगर आसपास के शहरों में जाने वाले लो निजी बसों में गए इससे प्राइवेट बसों में काफी भीड़ रही और बस वालों की चांदी। हालांकि करीब 34 पंजाब रोडवेज की बसों को शार्ट रूट पर स्थायी कर्मियों की ओर से चलाया गया।
यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोध सिंह, प्रदेश कमेटी सदस्य सुखदेव सिंह, डिपो प्रधान हीरा सिंह व, डिपो प्रधान केवल सिंह ने कहा कि
पहले कैप्टन अमरिदर सिंह, फिर ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा अमरिदर सिंह वडिं़ग और फिर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भरोसा दिया था कि उनको पक्का कर दिया जाएगा। पर सरकार अपने वादे को पूरा नहीं कर रही। यदि उनकी मांगों की तरफ ध्यान न दिया तो सरकारी बसों का पहिया अनिश्चितकालीन जाम रहेगा। वे 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री तथा परिवहन मंत्री के हलके में प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर बलजीत सिंह, शिवपाल सिंह, गुरविदर सिंह, प्रेम सिंह, जसवंत सिंह मजीठिया, कुलजीत सिंह, हरजिदर सिंह, हरपाल सिंह, गुरमीत सिंह व अन्य यूनियन नेता मौजूद थे। ये हैं मांगें
-परिवहन विभाग के अस्थायी कर्मचारियों को पक्का किया जाए
-कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए
सरकारी बसों की संख्या 10,000 की जाए
फ्री यात्रा सुविधा देने का एलान वापस हो
-महामारी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों को मुआवजा मिले
-संघर्ष के दौरान मुलाजिमों पर दर्ज झूठे पर्चे दर्ज रद हों 10 फीसद बसें चलीं: डिपो मैनेजर
पंजाब रोडवेज अमृतसर डिपो के जनरल मैनेजर मनविदर सिंह ने बताया कि बसों का पहिया जाम होने से 10 प्रतिशत बसों का आवागमन हुआ है। अधिकांश बसों का पहिया जाम रहा है। लंबे रूट व छोटे रूट भी प्रभावित हुए हैं।