1.50 करोड़ की ठगी मामले में बीओआइ का मैनेजर गिरफ्तार
1.50 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार की शाम बैंक आफ इंडिया (बीओआइ) के मैनेजर सिमरनजीत सिंह को बस अड्डा के पास से गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: 1.50 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार की शाम बैंक आफ इंडिया (बीओआइ) के मैनेजर सिमरनजीत सिंह को बस अड्डा के पास से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित के कब्जे से कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आरोप है कि आरोपित ने साल 2019 से पहले अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेजों वाले लोन अपनी कमीशन के लिए पास करवाए थे। इस मामले में पुलिस कांग्रेस के पूर्व सरपंच जगदीप सिंह सहित अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित बैंक मैनेजर को फाइनांशियल क्राइम विग के एसीपी सुशील कुमार खुद कोर्ट लेकर पहुंचे। न्यायधीश गौरव गुप्ता की कोर्ट ने आरोपित को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। बैंक ने मुहैया करवाए कई दस्तावेज
मामले की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट रवि महाजन ने बताया कि बैंक द्वारा नियुक्त किए गए नोडल अफसर ने मामलों से संबंधित कई दस्तावेज उनके सुपुर्द किए हैं। इनको स्टडी करने के बाद पुलिस को दिया जाएगा। पुलिस की तरफ से दर्ज की गई चार एफआइआर में कुछ अन्य धाराओं को भी शामिल किया जाना है। बरामद दस्तावेजों की जांच जारी: एसीपी
एसीपी सुशील कुमार ने बताया कि पुलिस को आरोपित से कुछ दस्तावेज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है। बैंक प्रबंधन से वह दस्तावेज मांगे गए हैं जिन पर बैंक मैनेजर ने अपने हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले पकडे़ गए आरोपित जगदीप सिंह, गुरमीत सिंह दविदर सिंह का रिमांड समाप्त होने के बाद जेल भेज दिया गया था। आरोपित मैनेजर से पूछताछ के बाद तीनों आरोपितों को दोबारा प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
यह है मामला
कैंटोनमेंट थाने के अधीन पड़ते रंजीत पुरा निवासी रंजीत सिंह बीओआइ में बतौर मैनेजर काम करता है। आरोपित ने कमीशन के लिए कांग्रेस के पूर्व सरपंच जगदीप और उसके साथियों के साथ मिलकर अपने बैंक से 1.50 करोड़ रुपये के फर्जी लोन पास करवाए थे। जब बैंक को पैसे वापस नहीं मिले तो जांच करवाई गई। तब सारा मामला साफ हो गया। आरोपित रजिस्ट्री अरेंज कर अपनी फोटो लगवाकर बैंक से लाखों रुपये के लोन पास करवा लेते थे।