सेनेटरी इंस्पेक्टर पांच हजार रिश्वत सहित गिरफ्तार

। विजिलेंस ब्यूरो ने नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर हरजिदर सिंह को पांच हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में बुधवार की दोपहर गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 06:53 PM (IST)
सेनेटरी इंस्पेक्टर पांच हजार रिश्वत सहित गिरफ्तार
सेनेटरी इंस्पेक्टर पांच हजार रिश्वत सहित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, अमृतसर

विजिलेंस ब्यूरो ने नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर हरजिदर सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में बुधवार की दोपहर गिरफ्तार किया है। आरोपित के कब्जे से रिश्वत के पांच हजार रुपये बरामद कर एफआइआर दर्ज कर ली गई है। उधर, एसएसपी परमपाल सिंह ने बताया कि सेनेटरी इंस्पेक्टर के खिलाफ सफाई कर्मचारी की तरफ से शिकायत पहुंची थी।

भगतांवाला निवासी रिकू कुमार ने विजिलेंस विभाग को शिकायत की थी कि वह नगर निगम में सफाई सेवक है। उसकी ड्यूटी वार्ड नंबर 70 में है। रिकू ने आरोप लगाया कि सेनेटरी इंस्पेक्टर हरजिदर सिंह उससे प्रत्येक माह एक हजार रुपये रिश्वत लेता है। यह राशि वह विशाल गिल नाम के युवक से सहयोग से एकत्र करता है। लेकिन कुछ महीने पहले उसने एक हजार रुपये देना बंद कर दिया था। इसी कारण इंस्पेक्टर हरजिदर सिंह ने उसका तबादला वार्ड नंबर 70 से वार्ड नंबर 49 में कर दिया। कुछ दिन पहले उसने आरोपित इंस्पेक्टर से अपना तबादला पहले वाले स्थान पर करने के लिए कहा था। आरोप है कि इंस्पेक्टर हरजिदर सिंह ने उससे दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। लेकिन बाद में मामला पांच हजार रुपये में तय हो गया। बुधवार को भगतांवाला के पास पांच हजार रुपये की रिश्वत देने के लिए हरजिदर सिंह को शिकायतकर्ता ने बुला लिया। पैसे लेकर जैसे ही हरजिदर सिंह ने जब अपनी जेब में डाले तो विजिलेंस के डीएसपी हरप्रीत सिंह ने उसे रंगे हाथों काबू कर लिया। एसएसपी परमपाल के निशाने पर निगम के भ्रष्ट अफसर

विजिलेंस के एक अफसर ने बताया कि निगम के कई अफसरों की मौखिक रूप से शिकायतें उनके पास पहुंच चुकी हैं। आने वाले दिनों में सेनेटरी इंस्पेक्टर हरजिदर सिंह के अलावा कई बड़े अफसरों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर चल रहा है। बता दें कि विजिलेंस के एसएसपी परमपाल सिंह अमृतसर कमिश्नेट में बतौर डीसीपी और अमृतसर (देहाती) में एसएसपी रहते हुए कई भ्रष्ट अफसरों पर एफआइआर दर्ज कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा चुके हैं।

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