हिदू समाज पर हो रहे हमलों से संगठनों में रोष
बांग्लादेश में हिदुओं पर किए गए अत्याचार उनके धर्मस्थलों को ध्वस्त करने के विरोध में महानगर के समूह धार्मिक संगठन 23 अक्टूबर सायं चार से रोष प्रदर्शन करेंगे।
संवाद सहयोगी, अमृतसर
बांग्लादेश में हिदुओं पर किए गए अत्याचार उनके धर्मस्थलों को ध्वस्त करने के विरोध में महानगर के समूह धार्मिक संगठन 23 अक्टूबर सायं चार से सात बजे तक रोष प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा पाकिस्तान तथा जम्मू कश्मीर में हो रहे हिदुओं पर अत्याचार व निर्मम हत्या के बारे में आवाज बुलंद की जाएगी।
इस्कॉन की ओर से पूरे विश्व में रोष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। श्री दुग्र्याणा कमेटी की अध्यक्षता में समूह धार्मिक संगठनों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि सभी धार्मिक संगठनों को एकजुट होकर बांग्लादेश पाकिस्तान व जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करके अपने गुस्से को जाहिर करना चाहिए।
इस संबंध में वीरवार को श्री दुग्र्याणा कमेटी के कार्यालय में एक बैठक की गई। बैठक में श्री दुग्र्याणा कमेटी के प्रधान एडवोकेट रमेश शर्मा, महामंत्री अरुण खन्ना, पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला, सिद्धेश्वरी पीठ धाम माता काली मंदिर गुफा वाला के महामंडलेश्वर मनोज जी महाराज के अलावा इस्कॉन तथा कई धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। श्री दुग्र्याणा कमेटी के एडवोकेट रमेश शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश में हुई घटनाएं हिदू समाज के लिए एक चुनौती है। इस चुनौती का डटकर हिदू समाज को इकट्ठे होकर मुकाबला करना होगा।
पाकिस्तान और बांग्ला देश में रह गए हिदू समाज पर भी काफी जुल्म हो रहे हैं। जम्मू कश्मीर में भी हिदुओं को डराया जा रहा है। कमेटी के महामंत्री अरुण खन्ना ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान व जम्मू कश्मीर में हिदुओं के साथ जो अन्याय हो रहा है उसके विरोध में सभी हिदू संगठनों को एकत्रित होकर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। 23 अक्टूबर को सायं चार बजे सभी धार्मिक संगठनों को श्री दुग्र्याणा तीर्थ परिसर में एकत्रित होने का आवाहन किया।
शाम 4:30 बजे श्री दुग्र्याणा तीर्थ से समूह हिदू संगठनों का रोष प्रदर्शन भंडारी पुल तक जाएगा । पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्केट में पांच बजे से लेकर सात बजे तक प्रभु का गुणगान किया जाएगा। हिदू समाज को एक मंच पर एकत्रित होकर ऐसी शक्तियों के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए जो कोई हिदुओं को टारगेट कर रही हैं।
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत चावला ने कहा कि इस रोष प्रदर्शन में सभी संगठनों को अपने पारिवारिक महिलाओं को भी शामिल करना चाहिए, ताकि हिदू समाज के प्रति होने अन्याय के प्रति आवाज बुलंद की जाए।
महामंडलेश्वर मनोज ने कहा कि यह चिता का विषय है कि इस समय हिदू समाज पर कई तरह के प्रतिबंध लग रहे हैं। दूसरे देशों में हिदुओं की धार्मिक परंपरा को ध्वस्त किया जा रहा है। भारत में हिदू त्योहारों के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। जोकि चिता का विषय है। इसलिए समूह हिदू समाज को एकत्रित होकर अपनी आवाज उठानी चाहिए।
इस्कॉन के नारायण प्रभु बांग्लादेश के कई जिलों में दर्जनों हिदू मंदिरों, घरों, हिदू समाज की व्यवस्था का विनाश व जानमाल को हानि पहुंचा कर करोड़ों हिदुओं के हृदय में भय और अनिश्चितता का माहौल कायम करने की घिनौनी कार्रवाई है। मंदिरों के अलावा 200 से अधिक हिदुओं के घर जलाए गए।
इस अवसर पर रघुनाथ दास, श्यामानंद प्रभु, अमित अबरोल, हरदीप दुग्गल, सोमदेव शर्मा, संजीव खन्ना, संजय शर्मा, राकेश कुमार, आदर्श शर्मा, जियालाल, यशपाल शौरी, राम प्रकाश मल्होत्रा, डा. मित्रपाल, कमल कपूर, राकेश खन्ना, विजय देवगण, जेपी होंडा, कमल नयन शर्मा, एडवोकेट केवल कृष्ण, दिनेश खन्ना, ऋषि खन्ना, हर्ष खन्ना, जुगल बबला, नरेश पराशर,माधव लाल, अशोक अरोड़ा आदि मौजूद रहे।