कोख में मर चुका था बच्चा, अबॉर्शन करवाने जीएनडीएच में आई महिला को नर्स ने थप्पड़ जड़ा

अमृतसर एक महिला की कोख में बच्चे की मौत हो गई। महिला को गुरु नानक देव अस्पताल में लाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 01:28 AM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 01:28 AM (IST)
कोख में मर चुका था बच्चा, अबॉर्शन करवाने जीएनडीएच में आई महिला को नर्स ने थप्पड़ जड़ा
कोख में मर चुका था बच्चा, अबॉर्शन करवाने जीएनडीएच में आई महिला को नर्स ने थप्पड़ जड़ा

जागरण संवाददाता, अमृतसर

एक महिला की कोख में बच्चे की मौत हो गई। महिला को गुरु नानक देव अस्पताल में लाया गया। अस्पताल में कार्यरत एक नर्स ने महिला का अबॉर्शन करने से पहले उसे थप्पड़ जड़ दिया। बच्चे को खो चुकी महिला पहले ही मानसिक तौर पर परेशान थी, उस पर नर्स के व्यवहार के कारण अपमान का घूंट पीकर रह गई।

वेरका निवासी जज ने बताया कि उसकी पत्नी रितु तीन माह की गर्भवती थी। चार दिन पूर्व उसे पेट में तेज दर्द हुआ। वह उसे गुरु नानक देव अस्पताल ले आए। स्टाफ ने एक इंजेक्शन लगाया और घर भेज दिया। मंगलवार आधी रात अचानक रितु को फिर से दर्द हुआ। इस बार उसे रक्तस्त्राव होने लगा। मैं उसे गुरु नानक देव अस्पताल ले आया। उसे गायनी वार्ड में एडमिट करवाया गया। इस दौरान नर्स ने बताया कि कोख में भ्रूण की मौत हो चुकी है। अब अबार्शन कर भ्रूण को निकाला जाएगा।

जज के अनुसार रितु ने पूरी बाजू के कपड़े पहने थे। नर्स ने उससे कहा कि यहां इलाज करवाने आई हो या फैशन दिखाने। जल्दी से बाजू ऊपर करो। चूंकि सूट तंग था, इसलिए रितु को बाजू फोल्ड करने में थोड़ा वक्त लग गया। बस इतनी सी बात पर नर्स भड़क गई। उसने आव देखा न ताव, रितु को थप्पड़ मार दिया। यह नर्स इतनी असंवेदनशील थी कि थप्पड़ मारने के बाद रितु को खरी-खोटी सुनाने लगी।

इस घटना के बाद रितु रोने लगी। जब मैंने नर्स से पूछा तो वह मुझसे भी दु‌र्व्यवहार करने लगी। इसके बाद मैं रितु को लेकर अस्पताल से निकल रहा था तो कुछ कर्मचारियों ने मुझसे कहा कि जो हो गया, वह हो गया, आप अपनी पत्नी का इलाज करवा लो। इन कर्मचारियों के कहने पर मैं रितु को लेकर फिर से इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गया। इसके बाद रितु की कोख में मर चुके भ्रूण को निकाल दिया गया।

जज के अनुसार सरकारी अस्पताल की नर्स ने जो व्यवहार किया, वह असहनीय था। इतना ही नहीं, अबॉर्शन करने के लिए भी मुझसे सर्जिकल सामान व दवाएं बाहर से मंगवाई गईं। मेरे पास पैसे नहीं थे। मैंने अपनी बाइक गिरवी रखकर दवाएं व सामान खरीदा।

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी अस्पताल में मरीजों के साथ बुरा सलूक हो रहा है। जज ने इस मामले की शिकायत न तो अस्पताल प्रशासन से की और न ही पुलिस से। उसने कहा कि शिकायत करने से कुछ हासिल नहीं हुआ। पत्नी की कोख उजड़ गई, इस सदमे से ही उबर नहीं पा रहा। आरोप साबित हुए तो सख्त एक्शन होगा

महिला के परिजनों ने मुझे शिकायत नहीं दी। मैं कल सुबह मामले की जांच करूंगा। यदि नर्स पर आरोप साबित हुए तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा।

— डॉ. सु¨रदर पाल, मेडिकल सुप¨रटेंडेंट, गुरुनानक देव अस्पताल।

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