सड़क हादसों में अमृतसर देश में नंबर दो पर, रोकेंगे हादसे: डा. सोई

डा. कमलजीत सोई ने सड़क सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से मिशन सेफ अमृतसर को लांच किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 08:20 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 12:15 AM (IST)
सड़क हादसों में अमृतसर देश में नंबर दो पर, रोकेंगे हादसे: डा. सोई
सड़क हादसों में अमृतसर देश में नंबर दो पर, रोकेंगे हादसे: डा. सोई

जासं, अमृतसर: ग्लोबल सोसायटी आफ सेफ्टी प्रोफेशनल के अध्यक्ष एवं राहत द सेफ कम्युनिटी फाउंडेशन के चेयरमैन डा. कमलजीत सोई ने सड़क सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से मिशन सेफ अमृतसर को लांच किया है।

डा. सोई सड़क सुरक्षा के विशेषज्ञ हैं। हाल ही में उन्होंने मिशन सेफ लुधियाना संपन्न किया है। इस मिशन के सफल होने के बाद वह अमृतसर में लोगों की जान बचाने के लिए पहुंचे हैं। उनका कहना है कि अमृतसर शहर सड़क हादसों में होने वाली मौत के कारण देशभर में दूसरे स्थान पर है। जिले में इन हादसों को कम करने के लिए वह काम करेंगे। शहर में 43 ब्लैक स्पाट मिले हैं, इन्हें आने वाले तीन महीनों में ठीक करवाकर सड़क दुर्घटनाओं को रोका जाएगा। उन्होंने डब्लूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ट्रैफिक के लिए 20 सबसे असुरक्षित शहरों में की सूची में अमृतसर शहर भी शामिल है। डा. सोई नेशनल रोड सेफ्टी कौंसिल मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट हाईवे के सदस्य भी हैं। वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाएं लोग

डा. सोई का कहना है कि शहर में सबसे ज्यादा अपराध वाहनों पर हो रहा है। इससे आरोपितों का पता लगवाना मुश्किल हो जाता है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब में 20 से 25 लाख वाहनों के और जिले में पांच लाख के करीब वाहनों पर एचएसआरपी नंबर नहीं लगे हैं। उन्होंने एचएसआरपी नंबर लगाने वाली कंपनी को भी चेतावनी दी है कि वह भी इस काम को जल्द करे। उन्होंने कहा कि यह नंबर प्लेट न लगाने वालों के दो हजार रुपये जुर्माना रखा गया था और ट्रैफिक पुलिस को इसके ज्यादा से ज्यादा चालान काटने चाहिए, ताकि लोग यह नंबर प्लेट लगवा सके। तीन तरह के स्टिकर जारी लगने जरूरी

डा. सोई का कहना है कि कई-कई साल पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं और उनसे निकल रहा धुआं बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि इस समय जरूरत है कि वाहनों पर वह स्टिकर लगाए जाएं, जो उनकी जानकारी देते हों। इसके लिए तीन तरह के स्टिकर होते हैं। केसरी (आरेंज) स्टिकर का मतलब है कि वह गाड़ी डीजल की है और उस पर मेन्युफैक्चरिग डेट लिखी होती है। नीले रंग के स्टिकर का मतलब है कि वह पेट्रोल की गाड़ी है और सीएनजी की गाड़ी है। उस पर भी मेन्यूफैक्चरिग डेट लिखी होती है। सिल्वर स्टिकर का मतलब होता है कि वह गाड़ी इलेक्ट्रिक है और उस पर भी मेन्युफैक्चरिग डेट लिखी होती है। उन्होंने कहा कि 2019 से जो गाड़ियां एजेंसी से आ रही है, उन पर यह स्टिकर लगाए जा रहे हैं। घायल लोगों के लिए लाएंगे कैशलेस इलाज का प्रोजेक्ट

सोई ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के समय में वह अमृतसर से जम्मू जाने वाले यात्रियों के होने वाले अचानक सड़क हादसों में घायल लोगों के इलाज के लिए कैशलेस स्कीम लेकर आए थे, लेकिन उस समय के मंत्री सीपी जोशी ने इस प्रोजेक्ट को हाइजेक कर लिया और वह इस प्रेजोक्ट को गुरुग्राम से जयपुर के लिए ले गए। उन्होंने कहा कि उनका मकसद अब इसी प्रोजेक्ट को वापस लाना है। इस संबंधी उनकी केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से भी बातचीत हो चुकी है।

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