अमृतसर जेल का कारनामा, पाकिस्तानी की मौत के बाद शव दूसरे कैदी के घरवालों को सौंपा

मामला इसी साल जुलाई में मोहम्मद सैय्यद शेख उर्फ मोहम्मद इकबाल नाम के कैदी की मौत से जुड़ा है। जेल अधिकारियों की गलती के कारण सैय्यद शेख का शव अमृतसर जेल में बंद अन्य पाक कैदी खादिम के वारिसों को पाकिस्तान में सौंपा गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:18 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:18 PM (IST)
अमृतसर जेल का कारनामा, पाकिस्तानी की मौत के बाद शव दूसरे कैदी के घरवालों को सौंपा
आरोप है कि अमृतसर जेल के अधिकारियों ने पाकिस्तानी कैदी के शव पर गलत टैग लगा दिया था। (सांकेतिक फोटो)

अमृतसर [नवीन राजपूत]। पाकिस्तान के गूंगे-बहरे कैदी की मौत और उसका शव वतन भेजने के मामले में अमृतसर जेल का प्रशासन फंसता जा रहा है। आरोप है कि जेल प्रशासन ने शव को किसी अन्य कैदी के परिवार को सौंप दिया है। मामला इसी साल जुलाई में मोहम्मद सैय्यद शेख उर्फ मोहम्मद इकबाल नाम के कैदी की मौत से जुड़ा है। जेल अधिकारियों की गलती के कारण सैय्यद शेख का शव अमृतसर जेल में बंद अन्य पाक कैदी खादिम के वारिसों को पाकिस्तान में सौंपा गया है।

बीएसएफ ने सीमा पार करने की फिराक में साल 2017 में पाकिस्तान के आत्मा खुराशीवाला निवासी अब्दुल करीब के बेटे खादिम को गिरफ्तार किया था। घरिंडा पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस भी दर्ज किया था। वर्ष 2016 में गुरदासपुर पुलिस ने पाकिस्तान के शेखूपुरा स्थित मनियाला गांव निवासी मोहम्मद सैय्यद शेख उर्फ मोहम्मद इकबाल को गिरफ्तार किया था। कोर्ट के आदेश पर दोनों को अमृतसर जेल शिफ्ट किया गया था। जांच में सामने आया था कि दोनों पाकिस्तानी कैदी गूंगे-बहरे हैं। वह गलती से सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे। यहां जेल में मोहम्मद सैय्यद शेख को टीबी रोग हो गया। जुलाई में उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी थी। जेल प्रशासन ने कोविड पाजीटिव की आशंका जताते हुए उसे गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल करवाया था। हालांकि टेस्ट में वह निगेटिव रिपोर्ट हुआ। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उसकी अस्पताल में मौत हो गई। बाद में सरकार के आदेश पर उसके शव को अटारी बार्डर के जरिए पाकिस्तान भेज दिया गया। शव पर लगे टैग में उसकी पहचान सैय्यद शेख उर्फ मोहम्मद इकबाल के बजाए खादिम लिख दी गई थी। इस कारण पाक सेना और पुलिस ने खादिम के परिवार को सैय्यद शेख का शव सौंप दिया।

फाइल पर फोटो भी नहीं थी

जेल के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों कैदी गूंगे-बहरे थे। इशारों में भी ज्यादा कुछ नहीं बता पाते थे। उनकी फाइल पर फोटो भी नहीं लगे हुए थे। घटना की जानकारी मिलते ही सरकार को इस बारे में जानकारी दी गई थी।

वायरल पत्र ने मचाया हड़कंप

जेल में बंद अन्य कैदी ने इस मामले को लेकर बुधवार को एक पत्र मोबाइल के जरिए वायरल किया है। इस बारे में पता चलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि बुधवार की शाम जेल में सर्च अभियान भी चलाया गया। ताकि पता लगाया जा सके किस कैदी ने इस बारे में सूचना बाहर भेजी है।

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