सुखबीर बादल की हैट्रिक, फिर चुने गए सर्वसम्मति से Shiromani Akali Dal प्रधान

Shiromani Akali Dal के के मौजूदा अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को डेलीगेट इजलास में लगातार तीसरी बार सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष चुना गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 12:29 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 09:22 AM (IST)
सुखबीर बादल की हैट्रिक, फिर चुने गए सर्वसम्मति से Shiromani Akali Dal प्रधान
सुखबीर बादल की हैट्रिक, फिर चुने गए सर्वसम्मति से Shiromani Akali Dal प्रधान

अमृतसर [नितिन धीमान/राघव शिकारपुरिया]। Shiromani Akali Dal के 99वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को डेलीगेट इजलास में लगातार तीसरी बार सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य नाम का प्रस्ताव न आने के बाद उन्हें एक बार फिर से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देने के साथ ही पार्टी की वर्किंग कमेटी और अन्य पदाधिकारियों के चुनाव के अधिकार भी दिए गए।

अमृतसर में एसजीपीसी के मुख्यालय तेजा सिंह समुदरी हाल में शनिवार को आयोजित डेलीगेट इजलास में पंजाब और अन्य राज्यों से आए पार्टी के करीब 600 डेलीगेट्स ने सुखबीर सिंह बादल को पार्टी अध्यक्ष चुने जाने पर एक स्वर में सहमति जताई। सुखबीर इससे पहले भी दो बार सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। 

हाथ उठाकर प्रस्ताव पास करते अकाली नेता।

सुखबीर को पार्टी के अंदर से कोई चुनौती मिलती नहीं दिखी। पहले माना जा रहा था कि पार्टी के सामने पैदा हुई चुनौती को देखते हुए पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल फिर कमान संभाल सकते हैैं, लेकिन 93 वर्षीय बादल प्रधानगी की जिम्मेदारी संभालने को बिल्कुल तैयार नहीं थे।

कार्यक्रम में पहुंची सुखबीर बादल की पत्नी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल। 

बादल व मजीठिया परिवार का विरोध करने वाले नेताओं की नाराजगी भी इस बार खुलकर सामने नहीं आई है। सुखबीर के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा, रतन सिंह अजनाला, सेवा सिंह सेखवां जैसे नेता अकाली दल से अलग होकर अकाली दल टकसाली का गठन कर चुके हैैं। ये नेता अलग से अमृतसर में अकाली दल का स्थापना दिवस मना रहे हैं।

इससे पूर्व Shiromani Akali Dal के स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को श्री हरिमंदिर साहिब में रखवाए गए अखंड पाठ साहिब का भोग शनिवार को डाला गया। इस अवसर पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पूर्व मंत्री गुलजार सिंह राणीके सहित अकाली लीडरशिप मौजूद रही। 

शिअद प्रधान के चुनाव की प्रक्रिया इस प्रकार रही 12 दिसंबर को श्री हरिमंदिर साहिब में रख गए श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। 14 दिसंबर को श्री अखंड पाठ का भोग डालने के साथ ही पार्टी की चढ़दी कला के लिए अरदास की। सभी सदस्यों ने बाद दोपहर करीब तेजा सिंह समुंदरी हाल में पहुंचे। शिअद के महासचिव डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने स्टेज की कार्रवाई शुरू की। जत्थेदार तोता सिंह ने प्रधान सुखबीर सिंह बादल का नाम प्रधान पद के लिए अनुमोदित किया। अलग अलग राज्यों से आए 600 डेलीगेट्स ने सुखबीर के नाम पर स्वीकृति की मुहर लगाई। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को सरपरस्त चुना गया। प्रकाश सिंह बादल इस इजहास में शामिल नहीं हुए थे। कुछ समय पूर्व पार्टी से बागी हुए सुखेदव सिंह ढींडसा व परमिंदर सिंह ढींडसा शामिल नहीं हुए। सुखदेव सिंह ढींडसा टकसालियों के कार्यक्रम में पहुंचे।

अकाली दल ने ये प्रस्ताव किए पारित भारत को फेेडरल ढांचा बनाना। राज्यों को अधिक अधिकार देने की आवाज उठाई गई। जेलों में बंद सिख कैदियों के रिहा करने की मांग। बलवंत सिंह राजाओणा की रिहाई की मांग उठाई गई। सिखों के बाहरी राज्यों में ऐतिहासिक गुरुद्वारों का प्रबंध एसजीपीसी को दिया जाए। सुखबीर बादल ने कहा कि पार्टी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भी काम करेगी। 2022 का चुनाव जीतकर सरकार बनाएगा, जो 30 साल तक काम करेगी।

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