मजीठ मंडी के व्यापारी बोले, कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बावजूद नहीं सुधरे हालात
कोरोना को दूसरी लहर खत्म होने के बावजूद अभी तक कारोबार पटरी पर नहीं आ रहा है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर: कोरोना को दूसरी लहर खत्म होने के बावजूद अभी तक कारोबार पटरी पर नहीं आ रहा है। इस महामारी ने हर वर्ग को चोट पहुंचाई है। जिसका असर यह हुआ है कि लोगों की परचेजिंग पावर में कमी आई है। यानी बहुत जरूरी होने पर ही लोग उस वस्तु को खरीद रहे हैं जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है। दैनिक जागरण की ओर से शहर के कारोबारियों की समस्याओं को लगातार उठाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सोमवार को अमृतसर की मजीठ मंडी के दुकानदारों से बातचीत की। इसके साथ ही क्षेत्र की समस्याओं के संबंध में भी जानकारी दी। दुकानदारों ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद कारोबारियों के हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं। वहीं मार्केट में लटकती बिजली की तारों का जाल, सड़कों और नालियों की दुर्दशा पर को सुधारने पर संबंधित विभागों की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। कोविड-19 के बाद चाहे हालात अब सुधर रहे हैं, लेकिन अभी भी दुकानदारी पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। इसके साथ ही सड़कों और तारों के फैले जाल पर पावरकाम का कोई ध्यान नहीं है।
सिमरजीत सिंह, कारोबारी महामारी ने तो लोगों की कमर ही तोड़ कर रख दी है। अब मार्केट में काम न के बराबर रह गया है। भगवान जाने हालात सुधरने में अब और कितना टाइम लगेगा। लोगों की जमा पूंजी भी खत्म हो गई है।
संजय कुमार, कारोबारी अब काम मार्केट में नहीं रहा। लोग पहले ही इस बात से तंग हैं। वहीं जिला प्रशासन भी लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने से कतराता है। आखिरकार लोगों को कब तक बेवकूफ बनाया जाएगा।
पवन चावला, कारोबारी कारोबार पर कोरोना का इफेक्ट बहुत बड़ा है। कोरोना के बाद अभी भी हालात नहीं सुधरे हैं। जो कर्मी पहले काम करते थे, अब उनमें से आधे रह गए हैं। काम को पटरी पर आने में पता नहीं कितना समय लगेगा।
गुरबख्श सिंह, कारोबारी सरकार को भी दुकानदारों के बारे में कुछ सोचना चाहिए। आखिरकार सबसे ज्यादा टैक्स भरने के बावजूद भी कारोबारियों को कोई सहूलियत नहीं दी जा रही। सरकार कारोबारियों की समस्याओं को समझे।
राहुल नारंग, कारोबारी पूरी मार्केट में मूलभूत सुविधाओं की अभी भी कमी है। तारों के जाल पूरी मार्केट में फैले हुए हैं जिनसे चिगारियां निकलती रहती हैं। इससे कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है।
तरनदीप सिंह, कारोबारी सड़कों का बुरा हाल है। चाहे प्रशासन ने सड़कों को पक्का करने के नाम पर टाइलें लगा दी हैं। लेकिन यह टाइलें भी आए दिनों उखड़ जाती हैं। जिससे दुकानदारों के साथ-साथ राहगीरों को भी परेशानी होती है।
बबलू भट्टी, कारोबारी सड़कों और तारों का बुरा हाल है। सड़के तो जगह-जगह से उखड़ी हैं। इसके साथ ही तारों के जाल से भी लोगों में भय बना हुआ है। कहीं चिगारियां निकलने से कोई हादसा ना हो जाए।
नवल अरोड़ा, कारोबारी हालात पहले से थोड़े से ठीक हुए हैं। क्योंकि दुकानों में ग्राहक चाहे कम आ रहे हैं लेकिन दाल रोटी चल रही है। भगवान जाने कब तक समस्याओं को झेलते रहेंगे। हालात अभी भी सुधर नहीं रहे हैं।
हरजोत कौर, कारोबारी सरकार की तरफ से दुकानदारों को सुविधाएं अवश्य ही देनी चाहिए। क्योंकि दुकानदार सबसे पहले सरकार को टैक्स देते हैं। सरकार को लोगों की समस्याओं को समझना चाहिए।
विनोद कुमार, कारोबारी लोगों को मिलकर साथ चलना चाहिए। नालियां गंदे पानी से भरी पड़ी हैं। प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है। प्रशासन को कारोबारियों की समस्याओं को समझ कर उनका हल करना चाहिए।
भूपेंद्र कौर, कारोबारी