कोरोना काल में हुए राशन घोटाले की ज्यूडिशियल जांच करवाने की माकपा ने की मांग

फूड व सिविल सप्लाई विभाग ने कोरोना काल के दौरान हुए राशन घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में डाल दी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 08:42 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:42 PM (IST)
कोरोना काल में हुए राशन घोटाले की ज्यूडिशियल जांच करवाने की माकपा ने की मांग
कोरोना काल में हुए राशन घोटाले की ज्यूडिशियल जांच करवाने की माकपा ने की मांग

जागरण संवाददाता, अमृतसर :

फूड व सिविल सप्लाई विभाग ने कोरोना काल के दौरान हुए राशन घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में डाल दी है। दस माह बीत जाने के बाद भी इस घोटाले में अभी तक किसी को नामजद नहीं किया है। राशन घोटाल जिले में करीब दो करोड़ का बताया जा रहा है। जरूरतमंदों का यह राशन कौन हड़प कर गया इस की ज्यूडिशियल जांच करवाने की माकपा ने मांग की है। मामले को लेकर पार्टी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को पत्र भेजा है। यह भी कहा है कि इस जांच में पार्टी जांच करने वाले अधिकारियों व कमिशन को हर तरह का सहयोग भी देगी।

माकपा के जिला सचिव सुच्चा सिंह अजनाला ने कहा कि कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जरूरतमंद व्यक्तियों को देने के लिए करोड़ों का अनाज भेजा था। अनाज लोगों तक पहुंचाने के लिए अलग अलग विधायकों की ओर से राशन के भरे ट्रकों को हरी झंडियां भी दिखाई गई। परंतु यह राशन जरूरतमंदों तक पहुंचा ही नहीं। मंत्रियों और विधायकों की ओर से यह राशन सरकारी कर्मचारियों की जगह अपनी पार्टी के अलग अलग नेताओं के माध्यम से जरूरतमंदों तक पहुंचाने का दावा किया गया। जबकि उस वक्त ज्यादातर राशन नेताओं और सरकार की जगह एनजीओ की ओर से अपने स्तर पर इकट्ठा करके जरूरतमंदों तक पहुंचाया था। तो सरकार की ओर से भेजा गया राशन कहा गया इस की कोई भी जानकारी न तो विभाग देने को तैयार है और नही सत्ताधारी पार्टी के मंत्री और विधायक।

उधर जिला व सिविल सप्लाई अधिकारी जसजीत कौर का कहना है कि इस संबंध में जो भी शिकायतें आई है उनको मंत्रालय को भेजा जा चुका है।

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