जगदीश हत्याकांड में पुलिस के हाथ नहीं आए फरार तीन लोग
जगदीश हत्याकांड में थाना बी डिवीजन की पुलिस बलविदर सिंह उर्फ बिल्ला की गिरफ्तारी के बाद उसके किसी बेटे को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : जगदीश हत्याकांड में थाना बी डिवीजन की पुलिस बलविदर सिंह उर्फ बिल्ला की गिरफ्तारी के बाद उसके किसी बेटे को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। उधर, एसीपी जसप्रीत सिंह ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार छापामारी कर रही हैं। आरोपितों की काल लोकेशन भी निकलवाई जा रही है। यही नहीं, गिरफ्तारी को लेकर आरोपितों के रिश्तेदारों से भी बातचीत की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार की रात निगम के उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे जगदीश सिंह उर्फ माड़ी मेघा की पड़ोस में रहने वाले मंदीप सिंह बराड़ ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने मंदीप के भाई सुखचैन सिह, अमनचैन सिंह, लाडी और पिता बलविदर सिंह उर्फ बिल्ला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। जांच में सामने आया था कि जगदीश एसजीपीसी की नौकरी छोड़ चुका था। वार्ड नंबर 37 से वह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। आरोपित मंदीप सिंह किसी समय में उसका दोस्त था। कुछ समय पहले दोनों में मनमुटाव हो गया था। लोहड़ी की शाम पतंगबाजी के समय दोनों में कुछ नोकझोंक हुई थी। रात को आरोपितों ने गोलियां चलाकर जगदीश की हत्या कर दी थी। दो सप्ताह गुजरे, नहीं पता चला कौन थी 'नन्ही परी' की मां
गांव कमालपुर के खेतों की झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची को जन्म देने वाली महिला का दो सप्ताह बाद भी सुराग नहीं लग पाया है। इससे सेहत विभाग की कारगुजारी और पुलिस प्रशासन की जांच पर सवाल खड़ा होता है। दरअसल, विधानसभा हलका खडूर साहिब के गांव कमालपुर के पंच जसवंत सिंह ने 31 दिसंबर की सुबह राह जाते हुए खेतों की झाड़ियों में नन्ही परी को देखा। नए शाल में लिपटी हुई यह नन्ही परी दो डिग्री तापमान के बीच अपनी जान गंवा चुकी थी। थाना सदर की पुलिस ने शव को पहचान के लिए 72 घंटे तक सिविल अस्पताल के शव गृह में रखवाया। थाना सदर प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभजीत सिंह ने कहा कि दर्ज की एफआइआर में उस कलयुगी मां को ढूंढ़ते हुए उसका नाम अंकित किया जाएगा।