आरटीए दफ्तर में एजेंटों का दबदबा, अब चालान विंग में सरकारी रिकार्ड देखता मिला एजेंट
आरटीए सचिव ज्योति बाला मंट्टू ने इसे गंभीर मामला बताते हुए विंग के इंचार्ज एमएस रंधावा से जवाब मांगा है। हालांकि रंधावा का कहना है कि उन्होंने चालान ढूंढ़ने में मदद करने के लिए उसे दफ्तर में बुलाया था।
अमृतसर, जेएनएन। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आरटीए) दफ्तर में एजेंटों का दबदबा है, यह तो जगजाहिर हो चुका है, लेकिन अब तो ये एजेंट कथित रूप से दफ्तर के अंदर जाकर सरकारी रिकार्ड तक देख रहे हैं। ऐसी ही एक वीडियो बुधवार को वायरल हुई। इसमें एक एजेंट चालान विंग के रिकार्ड खंगालता हुआ दिखाई दिया।
आरटीए सचिव ज्योति बाला मंट्टू ने इसे गंभीर मामला बताते हुए विंग के इंचार्ज एमएस रंधावा से जवाब मांगा है। हालांकि रंधावा का कहना है कि उन्होंने चालान ढूंढ़ने में मदद करने के लिए उसे दफ्तर में बुलाया था। उधर, दैनिक जागरण के बुधवार के अंक में छपी खबर के बाद पूरा दिन आरटीए दफ्तर से एजेंट गायब रहे। खबर छपने के बाद जहां सुबह से ही कोई एजेंट दफ्तर में नजर नहीं आया, वहीं दोपहर के समय वीडियो वायरल होने पर दफ्तर में एजेंटों के दबदबे की बात सच साबित हो गई। दोपहर करीब डेढ़ बजे वायरल हुई इस वीडियो में एक एजेंट चालान विंग के इंचार्ज एमएस रंधावा के सामने सरकारी रिकार्ड देख रहा था। कुछ देर बाद एजेंट ने एक चालान ढूंढ़ कर रख लिया और बाकी के चालान वहीं प्लास्टिक के लिफाफे में वापस डाल दिए।
मैंने मदद ली, पता नहीं था मुद्दा बन जाएगा: रंधावा
वीडियो वायरल होने के बाद चालान विंग के इंचार्ज एमएस रंधावा ने अपना बचाव करते हुए कहा कि जो लड़का वीडियो में दिख रहा है, उसका चालान कटा था। दफ्तर में चालान नहीं मिल रहा था। काफी देर ढूंढ़ने के बाद उन्होंने उसे अंदर आकर चालान ढूंढ़ने को कह दिया। मैंने तो उसकी मदद के लिए उसे अंदर बुलाया था, लेकिन क्या पता था कि यह मुद्दा बन जाएगा। उन्होंने दफ्तर में किसी एजेंट को रखने से इन्कार करते हुए कहा कि भविष्य में वह किसी को भी अपने कैबिन में आने की इजाजत नहीं देंगे।
आरोप साबित हुए तो होगी कड़ी कार्रवाई: मंट्टू
आरटीए सचिव ज्योति बाला मट्टू ने कहा कि विभाग में स्टाफ की बहुत कमी है। आलाधिकारियों को इस संबंधी पत्र लिख कर क्लेरिकल स्टाफ की मांग की गई है। विभाग में अब सिर्फ तीन क्लर्को से ही काम चलाया जा रहा है। एक कर्मचारी से दो से तीन लोगों का काम लिया जा रहा है। हालांकि वायरल हुई वीडियो के संबंध में चालान विंग के इंचार्ज से स्पष्ट जवाब-तलबी की गई है। आरोप साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
पहले भी विवादों में रहा है विभाग
जारी किए जाते रहे जाली लाइसेंस आरटीए विभाग भ्रष्टाचार को लेकर पहले भी विवादों में रहा है। इससे पहले तत्कालीन आरटीए सचिव रजनीश अरोड़ा ने ट्रैक पर जाली लाइसेंस जारी किए जाने का खुलासा किया था। तब सामने आया था कि विभाग का एक कर्मचारी राजपुरा बैकलाग से एंट्री डलवा कर अमृतसर से ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी कर रहा था। अरोड़ा ने तब 14 जाली ड्राइविंग लाइसेंस बरामद कर इसके लिए जिम्मेवार कर्मचारी पर एफआइआर दर्ज करने की बात कही थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नई गाड़ियों का टैक्स कम जमा किया
ट्रांसपोर्ट विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलीभुगत कर शहर की कुछ एजेंसियों द्वारा कारों की कीमत का बनते टैक्स से कम राशि जमा करवाने का मामला भी विभाग में पकड़ा गया था। तब अमृतसर की करीब आधा दर्जन एजेंसियों की आनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद किए जाने के बाद एजेंसियों की तरफ से कुछ पैसे जमा करवाए गए, लेकिन करोड़ों के घोटाले में लाखों रुपये जमा करवाने के मामले में भी अब तक कुछ खास कार्रवाई नहीं की गई।