पैसे डबल करने के लिए करोड़ों रुपये डकार कंपनी फरार, नाजमद 14 आरोपितों में अमृतसर के भी

पैसे डबल करने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने पर थाना सिटी पुलिस ने 14 लोगों को नामजद किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 01:30 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 01:30 AM (IST)
पैसे डबल करने के लिए करोड़ों रुपये डकार कंपनी फरार, नाजमद 14 आरोपितों में अमृतसर के भी
पैसे डबल करने के लिए करोड़ों रुपये डकार कंपनी फरार, नाजमद 14 आरोपितों में अमृतसर के भी

संवाद सहयोगी, होशियारपुर, अमृतसर : पैसे डबल करने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने पर थाना सिटी पुलिस ने 14 लोगों को नामजद किया। उक्त कार्रवाई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुई है। आरोपितों की पहचान कंपनी के एमडी संजीव सिकंदर निवासी भाई गुरदास नगर, रविदर सिंह सिद्धू दबुर्जी चौक, पलविदर सिंह निवासी भाई गुरदास नगर, गगनदीप सिंह निवासी भाई गुरदास नगर, मुख्तयार सिंह, खजान सिंह (सभी अमृतसर), मनमोहन सिंह निवासी जैन टावर जनकपुरी, उमेश्वर निवासी हेमकुंट नगर, लेखराज (तीनों नई दिल्ली), गुरदीप सिंह निवासी किम फार्म रेस्ट हाउस जालंधर के साथ कैशियर कम क्लर्क अरुण कुमार निवासी नई दिल्ली और रतन पाल निवासी डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) के रूप में हुई।

एएसआइ सतनाम सिंह को बयान देकर जगविदर सिंह व बलविदर कौर निवासी सरुपवाल थाना भुलत्थ (कपूरथला) ने बताया कि 2002 में किम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नैक्टर कामर्शियल एस्टेट लिमिटेड कंपनी फगवाड़ा रोड होशियारपुर की ओर से जमीन, फ्लैट और शापिग माल खोलने को पैसा लगाने के लिए कहा गया। कंपनी ने झांसा दिया कि इन प्रोजेक्टों में पैसे लगाने पर डबल करके ग्राहकों को दे रही है। कंपनी में 2002 से लेकर होशियारपुर समेत अन्य जिलों के लोगों ने लाखों रुपये लगा दिए थे। इसके बाद कंपनी ने पैसों का न हिसाब दिया, न ही पैसे डबल करके दिए। जब भी लोग पैसों के बारे में बात करने जाते तो कंपनी के एमडी और डायरेक्टर यह कहकर भेज देते थे कि मालिकों का किसी विदेशी कंपनी के साथ करार हो रहा है। इसके कारण कंपनी का पैसा वहां लग रहा है। यह सब प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी एक-एक पैसे का हिसाब देकर आगे काम करेगी।

-------

2012 में की थी पुलिस के पास शिकायत

जगविदर सिंह और बलविदर कौर ने पुलिस के पास 2012 में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस मामले की पड़ताल करती रही, मगर जब भी कंपनी के एमडी और अन्य स्टाफ से बात करने की कोशिश की जाती तो वह आनाकानी करते रहे। इसी बीच पता चला कि कंपनी में सारा काम फर्जी चल रहा है। पुलिस ने 2018 को कंपनी के कार्यालय में छापामारी की। यहां पर वर्करों ने कहा कि पहले नोटबंदी और अब कोरोना के कारण कंपनी का बहुत बड़ा नुकसान हो गया है। इसके चलते पैसे वापस करने में देरी हो रही है।

-------

अदालत में मामला पहुंचने पर भाग गई कंपनी

कुछ लोग पैेसे वापस लेने के लिए अदालत में चले गए तो वहां से कंपनी के सारे दस्तावेज चेक करने के आदेश पुलिस को जारी किए। इसके बाद पुलिस ने जैसे ही कंपनी के होशियारपुर में हेड आफिस में छापामारी की तो सारा स्टाफ ताला लगा कर फरार हो गया था। इसके चलते पुलिस ने अब आरोपितों को नामजद कर छापामारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।

chat bot
आपका साथी