64 फीसद बच्चों को हुआ था कोरोना, एंटी बाडी बनने से खुद ही मुक्त हुए

कोरोना की तीसरी लहर की संभावना से सिहरन होना स्वाभाविक है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:00 AM (IST)
64 फीसद बच्चों को हुआ था कोरोना, एंटी बाडी बनने से खुद ही मुक्त हुए
64 फीसद बच्चों को हुआ था कोरोना, एंटी बाडी बनने से खुद ही मुक्त हुए

नितिन धीमान, अमृतसर : कोरोना की तीसरी लहर की संभावना से सिहरन होना स्वाभाविक है। पहली व दूसरी लहर ने सिर्फ अमृतसर में ही 1586 लोगों की जान ले ली, जबकि 47 हजार 76 लोग संक्रमित हुए। अब तीसरी लहर की भयावहता क्या होगी, इसका आकलन किया जा रहा है। कोरोना का तीसरा चक्र बच्चों पर भारी माना जा रहा है, पर यह जानकर ताज्जुब होगा कि दूसरी लहर में भी बच्चे कोरोना संक्रमित हुए। अमृतसर में 65 फीसद बच्चे कोरोना संक्रमित हुए। यह अलग बात है कि न तो बच्चों को यह मालूम था कि वे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और न ही उनके अभिभावकों को।

दरअसल, सरकार की ओर से करवाए जा रहे सीरो सर्वे में ये तथ्य उजागर हुए हैं। गुरुनानक देव अस्पताल में विभिन्न बीमारियों का शिकार बच्चों के इलाज के दौरान डाक्टरों ने उनका ब्लड सीरम सैंपल लिया। यह प्रक्रिया अभिभावकों की सहमति से की गई। 6 से 9, 10 से 13 व 14 से 17 आयु वर्ग के कुल 92 बच्चों के सैंपल गए और इनका एंटी बाडी टेस्ट करवाया गया। एंटी बाडी टेस्ट से यह जानकारी मिलती है कि बच्चा पिछले समय में कोरोना संक्रमित तो नहीं हुआ था। असल में इस टेस्ट से बच्चे के शरीर में वायरस से लड़ने की रोग प्रतिरोधी क्षमता के विकसित होने की जानकारी मिलती है। टेस्ट रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 92 में से 59 बच्चे कोरोना संक्रमित होकर स्वत: ही स्वस्थ हो गए। इस हैरानीजनक रिपोर्ट को देखकर परिजन अवाक रह गए। उन्होंने कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि उनके बच्चे कोरोना की गिरफ्त में कभी आए थे। शेष 33 बच्चे को कभी कोरोना नहीं हुआ। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कोरोना की दूसरी लहर ही बच्चों पर हावी हो रही थी, पर बच्चों की रोग प्रतिरोधी क्षमता ने इसे बेअसर किया। इससे पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने सिविल अस्पताल अमृतसर, सिविल अस्पताल अजनाला व बाबा बकाला में 92 बच्चों के सैंपल लिए गए थे। इनमें से 50 बच्चों में शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटी बाडी पाई गई।

कितनी प्रभावी हैं एंटी बाडी, इसकी होगी जांच

खुद-ब-खुद संक्रमण मुक्त हुए इन बच्चों के शरीर में तैयार एंटी बाडी कब तक स्थिर अथवा प्रभावी रहेंगी, इसकी भी जांच की जाएगी। इसके लिए इनका न्यूट्रीलाइजिग एंटी बाडी टेस्ट होगा। इसके लिए विशेष प्रकार की किट्स की जरूरत है। यह किट्स खरीदने का प्रोसेस चल रहा है।

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