प्रापर्टी टैक्स रिकवरी में फिर निगम फिसड्डी, नौ माह में सिर्फ 50 फीसद रिकवरी

शहर में डेढ़ लाख के करीब टैक्सेबल प्रापर्टी हैं। इनमें रिहायशी कामर्शियल दुकानें और प्लाट आदि शामिल हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 07:07 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 07:07 PM (IST)
प्रापर्टी टैक्स रिकवरी में फिर निगम फिसड्डी, नौ माह में सिर्फ 50 फीसद रिकवरी
प्रापर्टी टैक्स रिकवरी में फिर निगम फिसड्डी, नौ माह में सिर्फ 50 फीसद रिकवरी

जासं, अमृतसर: शहर में डेढ़ लाख के करीब टैक्सेबल प्रापर्टी हैं। इनमें रिहायशी, कामर्शियल, दुकानें और प्लाट आदि शामिल हैं। पिछले नौ महीनों की बात करें तो इस अवधि में केवल 20 से 22 हजार प्रापर्टीज को ही कवर किया जा सका है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में नगर निगम की ओर से 42 करोड़ रुपये का टारगेट रखा गया है और अभी तक सिर्फ 21 करोड़ यानी 50 प्रतिशत ही रिकवरी हो पाई है। यह साल खत्म होने वाला है। ऐसे में नगर निगम का प्रापर्टी टैक्स विभाग अभी तक टैक्स वसूलने में विफल रहा है। पिछले कुछ सालों पर नजर डाली जाए तो हर बार 45 से 49 हजार से ज्यादा घरों को कभी कवर नहीं किया जा सका। ऐसे में एक वित्तीय साल खत्म होने में भी केवल तीन महीने ही बचे हैं। टैक्स इकठ्ठा न होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि लगातार इसके रेट में बढ़ोतरी की जा रही है। सरकार के नए नियम के मुताबिक हर साल पांच प्रतिशत टैक्स बढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। इसी कारण लोग टैक्स जमा करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे। रिकवरी में फिसड्डी रहने के ये हैं कारण

-लोगों को जागरूक करने में लगातार विफल रहा निगम। इसके लिए लगातार कैंप नहीं लगाए जाते।

-शहर में कई बड़े बड़े डिफाल्टर हैं जो प्रापर्टी टैक्स नहीं दे रहे। इन पर निगम की ओर से लगातार कार्रवाई नहीं की जा रही।

- बीच-बीच में निगम रिबेट की भी आफर देता है मगर लोगों में इसके बारे में प्रचार नहीं करता।

-प्रापर्टी टैक्स में हर साल पांच प्रतिशत वृद्धि होने के कारण भी लोग आगे नहीं आ रहे। मेयर का दावा, टारगेट पूरा कर लेंगे

मेयर करमजीत सिंह रिटू ने दावा करते हुए कहा कि टीमें लगातार काम कर रही हैं। समय रहते प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी का टारगेट पूरा कर लिया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए भी काम चल रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स जमा करवाएं। दावा पूरा होने की संभावना नहीं, क्योंकि समय उतना नहीं

मेयर रिंटू की ओर से किया गया यह दावा पूरा होता नहीं लग रहा क्योंकि जिस विभाग ने नौ माह में सिर्फ 50 फीसद ही रिकवरी की हो, वह बचे तीन माह में कैसे 50 फीसद टारगेट पूरा कर पाएगा। दूसरा अब चुनावी दौर शुरू हो चुका है। तब सभी उसी में व्यस्त रहेंगे, ऐसे में रिकवरी टारगेट पूरा होना संभव नहीं लग रहा। वित्तीय वर्ष - टारगेट-- रिकवरी (करोड़ रुपये में)

2013 से 2016 तक- 126- 54.54

2016-17 - 22 - 16.89

2017-18 - 24 -17.25

2018-19 - 30 - 22.43

2019-20- 32 - 26.34

2020-21 - 34 - 22.50

2021-22 - 42 - 21.30

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