Van Mahotsav Saptah 2020 : कोरोना काल में याद आई औषधीय प्रजातियों की महत्ता : योगी आदित्यनाथ

Van Mahotsav Saptah 2020 मिशन पौधारोपण 2020 के शुभारम्भ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में हरिशंकरी का पौधा रोपा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 10:33 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 07:43 PM (IST)
Van Mahotsav Saptah 2020 : कोरोना काल में याद आई औषधीय प्रजातियों की महत्ता : योगी आदित्यनाथ
Van Mahotsav Saptah 2020 : कोरोना काल में याद आई औषधीय प्रजातियों की महत्ता : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, जेएनएन। Van Mahotsav Saptah 2020:  सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में रविवार सुबह वन महोत्सव के अंतर्गत 25 करोड़ पौधा लगाने के बड़े अभियान का शुभारंभ किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वन महोत्सव के तहत आयोजित वृहद पौधारोपण कार्यक्रम के मिशन पौधारोपण 2020 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी के कुकरैल वन क्षेत्र में हरिशंकरी का पौधा रोपा।

यूपी में शाम तक 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा भी कर लिया गया। प्रदेश भर में शाम छह बजे तक 25 करोड़ तीन लाख नौ हजार नौ सौ 81 पौधे लगाए जा चुके हैं। प्रदेश भर में वृक्षारोपण के साथ जियो टैगिंग भी की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमने एक दिन में 25 करोड़ पौधे लगाने का अपना लक्ष्य हासिल किया है। हमने आज राज्य में 25 करोड़ 75 लाख पौधे लगाए हैं। 

इसससे पहले रविवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोग भारत के पारंपरिक ज्ञान आयुर्वेद की शरण में गए। लोगों को औषधीय प्रजातियों की वनस्पतियों की महत्ता का अहसास हुआ। कोरोना महामारी से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन कर हम इस महाभियान में भागीदार बन सकते हैं, यह कार्यक्रम उसका साक्षी बना है। भारत के श्रेष्ठ ज्ञान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए आयोजित किए जाने वाले गुरु पूर्णिमा पर्व के साथ वन महोत्सव का यह अद्भुत संगम आज 25 करोड़ पौधे रोपने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ हुआ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी हैं हम उसके बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस महाभियान में भागीदार बन सकते हैं, वृहद पौधारोपण अभियान उसका साक्षी बन रहा है। सभी जिलों में इसके लिए जोश और जुनून दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 5.3 करोड़ पौधे पूरे प्रदेश में रोपित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण के प्रति जागरुकता का सुंदर उदाहरण है। यह कार्यक्रम कोविड-19 से पहले, उसके दौरान और उसके बाद की परिस्थितियों में आने वाले बदलावों का एक चित्र भी प्रस्तुत करेगा। 

योगी आदित्यनाथने कहा कि पिछले वर्ष इस अभियान के तहत प्रदेश में 22 करोड़ पौधे लगाए गए। उनमें से प्रत्येक की जियो टैगिंग की गई। पौधे सुरक्षित रहें, इसकी समीक्षा बराबर होती रही। जो पौधे जीवित नहीं रह पाए, अगले साल उनकी जगह नए पौधे रोपित किए गए। पिछले 3 वर्षों में प्रदेश में पौधारोपण का अभियान लगातार बढ़ता गया। उसी के तहत आज हम 25 करोड़ पौधारोपण के साक्षी बन रहे हैं। कार्यक्रम की सफलता यह बताती है कि पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षक के तौर पर हम अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति और परमात्मा की उत्तर प्रदेश पर असीम कृपा रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सबसे उर्वर भूमि हमारे प्रदेश में है और सबसे बड़ी आबादी भी। इतनी बड़ी आबादी के बाद भी विकास के जो नए प्रतिमान उप्र ने स्थापित किए हैं, यह कार्यक्रम उसी सिलसिले का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिए गए। यह भी प्रयास किया गया कि इनमें से प्रत्येक परिवार अपने घर पर सहजन का एक पौधा लगाए। ज्यादातर लोगों ने सहजन के पौधे लगाए। तीन वर्ष में यह पौधा जब वृक्ष के रूप में फली देने लगेगा तो कई तरह के कुपोषण से मुक्ति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऋषि परंपरा के ज्ञान आयुर्वेद की शरण में सभी को जाना पड़ा। जो लोग विभिन्न प्रकार के पेय लेते हैं, वे भी अब काढ़ा पी रहे हैं। काढ़ा हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। काढ़ा और औषधीय प्रजातियों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वृहद पौधारोपण अभियान में वन एवं पर्यावरण सहित सभी सरकारी विभागों के साथ जन समुदाय भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है। हम पौधे लगाने के साथ उसे बचाने की भी पूरी तैयारी रखें। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि देर शाम तक हम 25 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य अवश्य प्राप्त करेंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि हमको प्रकृति के सभी संसाधन को बचाना है। इसी क्रम में हमारा पौधारोपण अभियान आगे बढ़ रहा है। पौधारोपण के इस अभियान से हम सृष्टि को काफी बचा सकते हैं। देश के कोरोना वायरस संक्रमण काल खंड में हमको प्रकृति ही बचा रही है। इस दौर में काढ़ा हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा रहा है, काढ़ा भी हमको वन तथा वृक्षों से मिल रहा है। जिनको हमारे ऋषि-मुनियों ने तोहफे के रूप में दिया है। हम उनकी परंपरा को आगे बढ़ाकर अपने भविष्य को काफी मजबूत कर सकते हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस पीएम पैकेज की घोषणा की है, उसके तहत कृषि क्षेत्र के लिए भी बड़ी घोषणा हुई है। इसी घोषणा के तहत हर्बल पौधे रोकने का कार्यक्रम भी बना है। साथ ही गंगा और गोमती नदी के तटवर्ती क्षेत्र में फलदार प्रजातियों के पौधे लगाकर हम इन नदियों की अविरलता और निर्मलता को बनाने के लिए भी संकल्पबद्ध हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहजन के वृक्ष तथा उसकी फली की उपयोगिता अब साबित हो रही है। हमनेे तीन वर्ष पहले प्रधानमंत्री गरीब आवास योजना में 30 लाख लोगों को आवास उपलब्ध कराते समय कहा था कि वह लोग अपने-अपने घर के सामने एक-एक सहजन का पौधा जरूर लगाएं। अधिकांश ने लगाया था और हमने उनको इसको सहेजने की सलाह भी दी थी। अगर इनमें से 25 लाख लोगों में भी लगाया होगा तो आज वह उसका लाभ जरूर ले रहे होंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते वर्ष हमने नौ अगस्त को यहीं कुकरैल में पौधा लगाया था और वह विभाग को सलाह दी थी कि इस कार्यक्रम को वन महोत्सव सप्ताह यानी एक से सात जुलाई के बीच आयोजित करें। मुझे बेहद खुशी है कि इसका आयोजन पांच जुलाई को किया गया। आज गुरू पूर्णिमा का भी पर्व है और हम अपने इस अभियान को सफल बनाकर इसको यादगार का रूप देंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वन महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत हर जनपद में विशिष्ट वाटिका वृक्षारोपण के अन्तर्गत- स्मृति वाटिका, पंचवटी, नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वाटिका, हरिशंकरी का रोपण कराया जाएगा। वन विभाग की पौधशालाओं एवं वृक्षारोपण के लिए निराश्रित गौ वंश आश्रय स्थलों से कम्पोष्ट के क्रय की व्यवस्था की गई है। वृक्षारोपण अभियान कुपोषण निवारण, जैवविविधता संरक्षण, जीवामृत के उपयोग तथा गंगा व सहायक नदियों के किनारे वृक्षारोपण पर केंद्रित है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम के आवास के परिसर में सहजन के पौधे का रोपण औषधीय गुणों वाली प्रजातियों के पौधों के रोपण पर बल दिया जा रहा है। इस बार मिशन वृक्षारोपण-2020 के लिए वन विभाग की 1,760 पौधशालाओं लगभग 44.27 करोड़ पौधे, उद्यान विभाग की 142 पौधशालाओं में लगभग 84 लाख से अधिक तथा रेशम विभाग की 76 पौधशालाओं में लगभग 24 लाख से अधिक पौधे उपलब्ध हैं।

25 करोड़ पौधों में से 10 करोड़ पौधों के रोपण के लिए वन विभाग ने 10,053 तथा अन्य 26 राजकीय विभागों में 15 करोड़ पौधों के रोपण के लिए लगभग सात लाख स्थानों का चयन किया है। वृक्षारोपण वाले सभी स्थलों की जियो टैगिंग भी कराई जाएगी। इस काम को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सहित 26 राजकीय विभागों तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों, विद्याॢथयों, व्यापारियों आदि के योगदान से सम्पन्न किया जाएगा। मिशन के अन्तर्गत व्यापक जनसहभागिता एवं अन्तॢवभागीय समन्वय के माध्यम से प्रदेश में एक दिन में 25 करोड़ से अधिक औषधीय, फलदार, पर्यावरणीय, छायादार, चारा औद्योगिक व प्रकाष्ठ की दृष्टि से महत्वपूर्ण 201 से अधिक प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे।

इससे पहले वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने बताया कि आज पहला पौधा प्रतापगढ़ जिले में सुबह 5:56 बजे रोपा गया।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के जैव विविधता के संदेश को अमलीजामा पहनाने के लिए 200 से ज्यादा प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। इनमें 36 प्रकार के औषधीय प्रजातियों के पौधे भी शामिल हैं। वहीं कुपोषण से लोगों को बचाने के लिए सहजन सहित 25 फलदार प्रजातियों के पौधे भी। उन्होंने कहा कि गंगा के दोनों ओर 10 किलोमीटर के तटवर्ती क्षेत्र में सवा दो करोड़ पौधे रोकने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यदि फेफड़ा मजबूत रहेगा तो को वायरस उस पर असर नहीं करेगा। फेफड़े मजबूत करने के लिए ही हम इतने बड़े पैमाने पर पौधारोपण कर रहे हैं। पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले पेड़ लगते थे लेकिन दिखते नहीं थे। अब पेड़ कागज पर नहीं जमीन पर दिख रहे हैं।

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