बहन की डोली की जगह आतंकी की अर्थी उठी

अचानक एक फोन आया और फिर शादी के गीत बंद हो गए, खुशियां मातम में बदल गई, क्योंकि लियाकत गलूरा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 12:35 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 12:35 PM (IST)
बहन की डोली की जगह आतंकी की अर्थी उठी
बहन की डोली की जगह आतंकी की अर्थी उठी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। लियाकत की बहन की मंगलवार को डोली उठनी थी। लेकिन लियाकत की अर्थी उठी। लगभग दो माह से लापता लियाकत का कोई सु़राग नहीं मिल रहा था। परिजनों को उम्मीद थी कि वह बहन की शादी पर घर जरूर आएगा। लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह डोली को कंधा देने नहीं बल्कि अपने परिजनों का कंधा लेने आएगा।

सोपोर का रहने वाला लियाकत अहमद लोन इसी साल आठ जुलाई को अचानक अपने घर से लापता हो गया था। तीन बच्चों का बाप लियाकत जब घर से निकला तो किसी को गुमान नहीं था कि वह आतंकी बन गया है। हालांकि इलाके में उसके आतंकी बनने की चर्चा थी,लेकिन किसी के पास कोई सुबूत नहीं था।

पुलिस भी उसे जगह जगह तलाश रही थी। लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था। बस घरवाले एक ही उम्मीद में थे कि बहन की शादी पर लियाकत कहीं भी होगा, घर जरूर आएगा। क्योंकि वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था।

आज उसकी बहन की शादी थी। दोपहर बाद घर में बारात आनी थी और उसके बाद लियाकत की बहन को अपनी ससुराल रुखसत होना था। घर में शादी की तैयारियां चल रही थी। बारातियों के स्वागत की तैयारियां चल रही थी। अचानक एक फोन आया और फिर शादी के गीत बंद हो गए, खुशियां मातम में बदल गई, क्योंकि लियाकत गलूरा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

शादी की तैयारियां जहां थी, वहीं थम गई। बारातियों के स्वागत की जगह घर में एक अर्थी की तैयारी शुरु हो गई। खानदान के कुछ बुजुर्ग और नौजवान सदस्य लियाकत का शव लेने हंदवाड़ा के लिए रवाना हो गए। उसके परिवार के एक सदस्य ने सिर्फ इतना ही कहा किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह बंदूक का रास्ता चुनेगा। दो माह पहले वह गायब हुआ था और आज जब वह मिला तो मरा हुआ मिला।

काश, उसने यह रास्ता न चुना होता तो आज उसकी अर्थी को कंधा नहीं दिया जा रहा होता, उसकी बहन की शादी में मातम नहीं होता, वह अपनी बहन को डोली में बैठा रहा होता। 

मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने ढेर किए दो आतंकी

जानकारी हो कि उत्तरी कश्मीर के गलूरा (हंदवाड़ा) में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-ताईबा के दो स्थानीय आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों की मौत से पैदा तनाव के मददेनजर प्रशासन ने हंदवाड़ा में सभी कालेज व हायर सैकेंडरी स्कूल बंद करने के साथ ही सोपोर से हंदवाड़ा तक सभी इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को भी ठप कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, लश्कर के दो आतंकियों के गलूरा गांव में अपने एक संपर्क सूत्र के पास छिपे होने की खबर मिलते ही आज तड़के सेना की 30 आरआर, सीआरपीएफ की 92वीं वाहिनी और राज्य पुलिस विशेष अभियान दल एसओजी के जवानों ने संयुक्त रुप से एक अभियान चलाया। जवानों ने आतंकी ठिकाने की घेराबंदी कर ली। जवानों को अपने ठिकाने की तरफ बड़ते देख आतंकियों ने वहां से भागने का प्रयास करते हुए गोली चलाई। जवानों ने तुरंत अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया। 

इसी बीच,जवानों ने आतंकी ठिकाने के साथ सटे मकानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को सरेंडर के लिए कई बार कहा, लेकिन आतंकियों ने फायरिंग जारी रखी। सुबह साढ़े सात बजे आतंकियों की तरफ से अंतिम गोली चली। इसके बाद सुरक्षाबलों ने मुठभेड़स्थल की तलाशी ली और दो आतंकियों के शव व उनके हथियार बरामद किए। मारे गए आतंकियों की पहचान हारवन सोपोर के लियाकत और लंगेट हंदवाड़ा के 18 वर्षीय फुरकान के रुप में हुई है। 

इस बीच, मुठभेड़ में स्थानीय आतंकियों के मारे जाने की खबर के साथ ही गलूरा,लंगेट,हंदवाड़ा और सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों में तनाव फैल गया। सोपोर से हंदवाड़ा तक हड़ताल हो गई।बड़ी संख्या में शरारती तत्व भड़काऊ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालने लगे और कई जगह उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव किया। हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों ने भी हिंसक हुए तत्वों को हल्के बल प्रयोग से खदेड़ा। 

संबधित प्रशासन ने हालात को देखते हुए हंदवाड़ा में सभी कालेज व हायरसैकेंडरी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया। इसके साथ ही सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों और हंदवाड़ा में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। 

पाक गोलाबारी में स्कूल व मस्जिद सहित 55 इमारतें क्षतिग्रस्त

आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन के बीच पाकिस्तान की नापाक हरकत भी जारी है। पाक लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। उत्तरी कश्मीर के टंगडार (कुपवाड़ा) सेक्टर में पाकिस्तान ने रविवार रातभर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर भारी गोलाबारी की। इसमें स्कूल की एक इमारत और एक मस्जिद समेत 55 इमारती ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए। गोलाबारी में एक ग्रामीण भी घायल हो गया। भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की एक अग्रिम निगरानी चौकी के क्षतिग्रस्त व तीन पाकिस्तानी सैनिकों के जख्मी होने की सूचना है। 

हालांकि गोलाबारी सोमवार सुबह थम गई, लेकिन तनाव बना रहा। घुसपैठ की आशंका को देखते हुए सेना ने नियंत्रण रेखा के साथ सटे नदी नालों और जंगलों में तलाशी अभियान जारी रखा। पाकिस्तानी सैनिकों ने रविवार रात साढ़े आठ बजे टंगडार सेक्टर में मोर्टार व तोपखाने से गोलाबारी की। पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना की ब्लैक रॉक पोस्ट और करीब 11 गांवों को निशाना बनाया।

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